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पश्चिम बंगाल में एक और अधिकारी की आत्महत्या, ममता बनर्जी ने SIR प्रक्रिया पर उठाए सवाल

पश्चिम बंगाल में नादिया जिले की एक ब्लॉक लेवल अधिकारी रिंकू तरफदार ने आत्महत्या कर ली, जिसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने SIR प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग की है। उन्होंने केंद्र और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस प्रक्रिया के लिए और कितनी जानें जाएंगी? तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना को अमानवीय प्रशासनिक दबाव का परिणाम बताया है और भाजपा को भी जिम्मेदार ठहराया है।
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पश्चिम बंगाल में एक और अधिकारी की आत्महत्या, ममता बनर्जी ने SIR प्रक्रिया पर उठाए सवाल

दुखद घटना: नादिया में अधिकारी ने की आत्महत्या

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर चल रहे विवाद के बीच एक दुखद घटना सामने आई है। नादिया जिले में एक ब्लॉक लेवल अधिकारी (BLO) रिंकू तरफदार ने आत्महत्या कर ली है। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए इस प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग की है। तृणमूल कांग्रेस ने इसे अत्यंत पीड़ादायक बताते हुए कहा कि कृष्णानगर में हुई इस खुदकुशी ने प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है। बताया जा रहा है कि रिंकू तरफदार एक पैरा-टीचर थीं और उन्होंने अपने सुसाइड नोट में चुनाव आयोग (ECI) को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है।


मुख्यमंत्री का तीखा बयान

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि आखिर और कितनी जानें जाएंगी और एसआईआर (SIR) के लिए और कितने लोगों को मरने की जरूरत है? उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के लिए हमें और कितनी लाशें देखनी पड़ेंगी, यह स्थिति अब सच में चिंताजनक हो गई है। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने हैरानी जताते हुए आरोप लगाया कि 'अमानवीय प्रशासनिक दबाव, कड़ी समय सीमा (डेडलाइन) और छोटी-छोटी गलतियों के लिए सजा के लगातार डर' ने एक और हंसती-खेलती जिंदगी को बर्बाद कर दिया है।


टीएमसी का बयान और भाजपा पर आरोप

टीएमसी ने बताया कि नादिया के सस्थिताला की रहने वाली बीएलओ रिंकू तरफदार काम के बोझ तले मानसिक रूप से टूट चुकी थीं और असहनीय स्थिति में थीं। पार्टी ने अपने बयान में कहा कि चुनाव आयोग की जटिल डिजिटल प्रक्रिया, सख्त टाइमलाइन, सजा का डर और रातभर की निगरानी हमारे कर्मचारियों पर थोपा गया एक तरह का 'मानसिक टॉर्चर' है, जो किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है। तृणमूल कांग्रेस ने एसआईआर प्रक्रिया के मद्देनजर पैदा हुए इन मौजूदा हालातों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भी जिम्मेदार ठहराया है और प्रक्रिया को तत्काल बंद करने की मांग दोहराई है।