पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया: क्या आप तैयार हैं अपने नाम को वोटर लिस्ट में जोड़ने के लिए?
पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया की शुरुआत
पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है, और शनिवार से नागरिकों की शिकायतों और दावों की सुनवाई शुरू होने वाली है। इस प्रक्रिया के लिए राज्यभर में 3,234 केंद्र स्थापित किए गए हैं। पहले चरण में उन 32 लाख लोगों को बुलाया गया है जिनका नाम 2022 की वोटर लिस्ट में नहीं है.
दस्तावेजों की आवश्यकता
इन लोगों को अपने नाम को लिस्ट में जोड़ने के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। इनमें आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र शामिल हैं, लेकिन केवल आधार कार्ड ही पर्याप्त नहीं होगा। नाम जोड़ने के लिए एक वैध सपोर्टिंग दस्तावेज भी प्रस्तुत करना अनिवार्य है.
वैध दस्तावेज के रूप में वोटर लिस्ट
अधिकारियों ने बताया कि बिहार में तैयार की गई वोटर लिस्ट को भी वैध दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा। हालांकि, यदि कोई फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किया गया, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। राज्य के निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा कि सुनवाई की सभी तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं। इस प्रक्रिया में 4,500 माइक्रो ऑब्जर्वर्स निगरानी रखेंगे। सुनवाई केंद्रों पर केवल ईआरओ, बीएलओ और एआरओ को ही प्रवेश मिलेगा। सुनवाई के बाद किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाएगा.
चुनाव आयोग का लक्ष्य
चुनाव आयोग ने हर ईआरओ के लिए 150 मामलों की सुनवाई पूरी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रक्रिया की शुरुआत उन 'अनमैप्ड' वोटर्स से होगी जिनका नाम 2002 की वोटर लिस्ट में नहीं है। एसआईआर प्रक्रिया के दौरान कई असामान्य या संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जैसे ऐसे लोग जिनके पिता बनने की उम्र असामान्य रूप से कम थी या जिनके माता-पिता का नाम एक ही था.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की तारीखें
16 दिसंबर को वोटर लिस्ट का प्रारंभिक संस्करण जारी किया गया था, जबकि अंतिम सूची 14 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है। इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना मुख्य उद्देश्य है ताकि हर योग्य मतदाता को अपने मताधिकार का सही अवसर मिल सके.
