पश्चिम बंगाल में कफ सिरप पर प्रतिबंध: बच्चों की सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम

पश्चिम बंगाल में कफ सिरप की बिक्री पर रोक
पश्चिम बंगाल में कफ सिरप पर प्रतिबंध: मध्य प्रदेश में बच्चों की मौतों के बाद पश्चिम बंगाल में कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। पश्चिम बंगाल केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन (BCDA) ने गुरुवार को सभी खुदरा और थोक दवा विक्रेताओं को इस दवा की बिक्री और खरीद तुरंत बंद करने का निर्देश दिया है। यह निर्णय मध्य प्रदेश में इस सिरप के सेवन से हुई बच्चों की मौतों के बाद लिया गया है।
कोल्ड्रिफ सिरप का निर्माण करने वाली तमिलनाडु की दवा कंपनी के निर्माता को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले पर आगे की रणनीति तय करने के लिए 11 अक्टूबर को दवा विक्रेताओं की बैठक बुलाई गई है। BCDA के सचिव पृथ्वी बसु ने बताया कि यह कदम एहतियाती उपाय के रूप में उठाया गया है, हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि मध्य प्रदेश वाला बैच पश्चिम बंगाल में नहीं आया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जताई गंभीर चिंता
इस मामले को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ के प्रिंसिपल डॉ. जयदेब रॉय ने कहा कि प्रारंभिक निष्कर्षों में सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल जैसे खतरनाक रसायनों की मौजूदगी का संदेह है। ये रसायन तीव्र गुर्दे की क्षति का कारण बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब किसी कफ सिरप में इस तरह की घातक सामग्री पाई गई हो।
राज्य औषधि नियंत्रण बोर्ड के निर्देश
राज्य औषधि नियंत्रण बोर्ड का सख्त निर्देश
रिपोर्टों के अनुसार, सिरप में प्रोपीलीन ग्लाइकॉल, ग्लिसरीन और सॉर्बिटोल भी शामिल हैं। इस पर राज्य औषधि नियंत्रण बोर्ड ने सख्त निर्देश दिए हैं कि इन सभी रसायनों को केवल अनुमोदित विक्रेताओं से ही खरीदा जाए। साथ ही इन्हें प्रमाणित लैब में परीक्षण करवाने और लाइसेंसिंग अथॉरिटी को रिपोर्ट देने की आवश्यकता है।
कफ सिरप के उपयोग पर चेतावनी
कफ सिरप को लेकर चेतावनी जारी
बच्चों में कफ सिरप के उपयोग को लेकर डॉक्टरों ने चेतावनी दी है। डॉ. जयदेब रॉय ने कहा कि कफ सिरप अक्सर बलगम को पतला कर देता है, लेकिन शिशु उसे बाहर नहीं निकाल पाते। ऐसे में यह दवा उनके लिए घातक साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि बिना डॉक्टरी सलाह के बच्चों को दवा देना खतरनाक है और यह लापरवाही जानलेवा हो सकती है।
डॉक्टरों की सलाह का महत्व
दवा लेने से पहले डॉक्टरों की सलाह जरुरी
डॉक्टरों ने इंटरनेट के माध्यम से दवा खोजने और खरीदने के बढ़ते चलन को भी चिंता का विषय बताया है। विशेषज्ञों का कहना है कि माता-पिता अक्सर बिना विशेषज्ञ की सलाह के ऑनलाइन जानकारी देखकर दवाएं खरीद लेते हैं, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। बंगाल में रोक के बाद अब अन्य राज्यों में भी इस दवा पर कार्रवाई की संभावना है।