पश्चिम बंगाल में छात्रा के गैंगरेप पर सियासी विवाद बढ़ा

गैंगरेप की घटना से सियासी हलचल
पश्चिम बंगाल में एक छात्रा के साथ कॉलेज परिसर में हुए गैंगरेप के मामले ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है। इस घटना के बाद सिंचाई मंत्री मानस भुइयां के एक बयान ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया। उन्होंने अपने भाषण में 'छोटी-छोटी घटनाओं' का उल्लेख किया, जिसे विपक्ष ने गैंगरेप से जोड़कर तीखी आलोचना की। हालांकि, मंत्री ने बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है।
मंत्री का विवादास्पद बयान
मंत्री भुइयां ने हाल ही में कोलकाता में एक डॉक्टर सम्मेलन में कहा, "जब कोई छोटी घटना होती है, तो कुछ लोग ऐसे प्रतिक्रिया करते हैं जैसे कि कोई बड़ी आपदा आ गई हो। हर बार बंगाल को बदनाम किया जाता है।" उन्होंने पहलगाम हमले का उदाहरण देते हुए कहा कि असली मुद्दों पर चुप्पी साधी जाती है, जबकि बंगाल पर राजनीतिक हमले किए जाते हैं। इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया, जिससे बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वे अपराध को हल्के में ले रहे हैं और महिलाओं की सुरक्षा के प्रति असंवेदनशील हैं।
मंत्री ने दी सफाई
मंत्री ने बयान को लेकर दी सफाई
विवाद बढ़ने के बाद, मंत्री भुइयां ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया है। मैंने कभी भी कसबा की घटना का उल्लेख नहीं किया। मेरा भाषण केवल स्वास्थ्य क्षेत्र की समस्याओं पर केंद्रित था। जो लोग मेरे बयान को गैंगरेप से जोड़ रहे हैं, वे दुर्भावना से ऐसा कर रहे हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस तरह की गलत व्याख्या जारी रही, तो वे कानूनी कार्रवाई करने पर विचार करेंगे।
गैंगरेप मामले में गिरफ्तारी
गैंगरेप केस में चार आरोपी गिरफ्तार
यह उल्लेखनीय है कि 25 जून को साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में एक 24 वर्षीय लॉ छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना हुई थी। मुख्य आरोपी 31 वर्षीय मनोजित मिश्रा है, जो कॉलेज का पूर्व छात्र है और टीएमसी छात्र इकाई से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। इसके अलावा, दो वर्तमान छात्र ज़ैब अहमद (19) और प्रमित मुखोपाध्याय (20), तथा एक सुरक्षा गार्ड को भी आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है।