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पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चिंता

पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते यौन अपराधों ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। हाल ही में कोलकाता के लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस मामले में आरोपियों ने न केवल बलात्कार किया, बल्कि इसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया और पीड़िता को धमकी दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन सवाल यह है कि राज्य में ऐसी घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं? जानें इस गंभीर मुद्दे पर और क्या प्रतिक्रियाएं आई हैं।
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पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चिंता

महिला अपराधों की बढ़ती घटनाएं

पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी नहीं आ रही है। कोलकाता में यौन अपराधों की बढ़ती संख्या ने राज्य की कानून-व्यवस्था और सामाजिक जागरूकता पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। हालात यह हैं कि अपराधियों में पुलिस और प्रशासन का कोई डर नहीं रह गया है। हाल ही में कोलकाता के लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना ने न केवल राज्य बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। जानकारी के अनुसार, यह घटना 25 जून को कॉलेज के गार्ड रूम में शाम 7:30 से रात 10 बजे के बीच हुई। इसमें एक पूर्व छात्र और दो वर्तमान छात्र शामिल हैं। कोलकाता में यह पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले 2024 में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ भी इसी तरह की घटना हुई थी।


वीडियो रिकॉर्डिंग और धमकी

इस ताजा मामले में, साउथ लॉ कॉलेज की पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ और आरोपियों ने इसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया। उन्होंने उसे धमकी दी कि यदि उसने किसी को बताया, तो वीडियो वायरल कर देंगे। हालांकि, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें 10 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। लेकिन सवाल यह है कि पश्चिम बंगाल में ये घटनाएं क्यों लगातार हो रही हैं? क्या अपराधियों में शासन का डर खत्म हो गया है?


पिछली घटनाएं और प्रशासनिक लापरवाही

इससे पहले, अगस्त 2024 में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया था। यह घटना 8 अगस्त की रात को हुई थी, और डॉक्टर की लाश अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिली थी। पुलिस ने CCTV फुटेज के आधार पर संजय रॉय नामक सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार किया था, जिसे कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। यह मामला इतना संवेदनशील था कि बंगाल में स्वास्थ्य सेवाएं दो महीने तक प्रभावित रहीं।


महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल

इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोलकाता जैसे महानगर में, विशेषकर शैक्षणिक और चिकित्सा संस्थानों में, महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। लॉ कॉलेज और मेडिकल कॉलेज जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में इस तरह की घटनाएं प्रशासनिक लापरवाही और सामाजिक असंवेदनशीलता को दर्शाती हैं।


राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

हाल ही में लॉ कॉलेज मामले में छात्रा के साथ हुए गैंगरेप के बाद राजनीति भी गरमा गई है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा का संबंध सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस से है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए त्वरित और निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने पीड़िता को मानसिक, कानूनी और आर्थिक सहायता देने का आग्रह किया है। आरजी कर हॉस्पिटल कांड के बाद देशभर में प्रदर्शन हुए थे, जिसमें महिला डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग उठी थी। इन गंभीर मामलों ने यह स्पष्ट किया है कि महिला सुरक्षा के लिए केवल कानून बनाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसे सख्ती से लागू करना भी आवश्यक है।