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पहलगाम हमले के संदिग्ध आतंकियों की पहचान: सुरक्षा बलों ने किया बड़ा ऑपरेशन

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के संदिग्धों की पहचान की गई है। सुरक्षा बलों ने दो पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया और लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रमुख कमांडर को भी ढेर किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में इस ऑपरेशन की जानकारी दी, जिसमें आतंकियों के पास से कई सबूत बरामद हुए। जानें इस ऑपरेशन के पीछे की कहानी और आतंकियों के सहयोगियों पर की गई कार्रवाई के बारे में।
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पहलगाम हमले के संदिग्ध आतंकियों की पहचान: सुरक्षा बलों ने किया बड़ा ऑपरेशन

पहलगाम हमले के संदिग्धों की तस्वीरें आईं सामने

22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के तीन मुख्य संदिग्धों में से दो, हबीब ताहिर और जिबरान, की पहली तस्वीरें अब सामने आई हैं। ये दोनों पाकिस्तानी नागरिक माने जा रहे हैं और इन्हें सोमवार को श्रीनगर में सुरक्षा बलों की एक संयुक्त कार्रवाई में मार गिराया गया। इस ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रमुख कमांडर हाशिम मूसा भी ढेर किया गया, जिसे इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता था।


संयोगवश समाप्त हुआ मुठभेड़

सूत्रों के अनुसार, आतंकवादी एक तंबू में आराम कर रहे थे जब सुरक्षा बलों ने उन्हें घेर लिया और अचानक फायरिंग शुरू कर दी। यह मुठभेड़ पूर्व नियोजित नहीं थी, बल्कि संयोगवश हुई। Dachigam वन क्षेत्र में दो दिन की घेराबंदी के बाद, 4 पैराशूट बटालियन ने आतंकियों का पता लगाकर उन पर छापा मारा, जिससे तीनों मौके पर ही मारे गए।


ऑपरेशन की शुरुआत

यह अभियान 11 जुलाई को शुरू हुआ, जब बैसारन क्षेत्र में एक चीनी सैटेलाइट फोन सक्रिय पाया गया। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों के लिए यह सामान्य रणनीति होती है कि वे थोड़ी देर ठहरकर आराम करें, लेकिन सुरक्षा बलों की सतर्कता के कारण इस बार वे चूक गए।


अमित शाह का बयान

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में स्पष्ट किया कि मारे गए तीनों आतंकवादी पाकिस्तानी नागरिक थे और उनके पहचान के पुख्ता सबूत भारत के पास हैं। उन्होंने बताया कि आतंकियों के पास से पाकिस्तानी वोटर आईडी कार्ड, पाकिस्तान निर्मित चॉकलेट, और अतिरिक्त हथियार व ग्रेनेड बरामद हुए, जो उनकी पाकिस्तानी पहचान को प्रमाणित करते हैं।


आतंकियों के सहयोगियों पर कार्रवाई

शाह ने बताया कि दो स्थानीय नागरिक, परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद, को आतंकियों को आश्रय देने के आरोप में एनआईए ने गिरफ्तार किया था। जब आतंकवादियों के शव श्रीनगर लाए गए, तब इन्हीं हिरासत में लिए गए लोगों ने उनकी पहचान की। इस पहचान के बाद सभी जानकारी धीरे-धीरे मीडिया के सामने आई।


कार्रवाई की योजना

शाह ने कहा कि हमले के कुछ ही घंटे बाद आतंकियों को पकड़ने की योजना बनाई गई और सुरक्षा बलों को निर्देश दिए गए कि वे आतंकियों को देश छोड़कर नहीं जाने दें। 22 मई को Dachigam जंगलों में आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी। सैनिक ठंड में गश्त करते रहे और 22 जुलाई को सेंसर से उनकी मौजूदगी का पक्का संकेत मिला।


फॉरेंसिक रिपोर्ट से पुष्टि

गृह मंत्री ने कहा कि आतंकियों द्वारा उपयोग किए गए कारतूसों की FSL रिपोर्ट पहले से तैयार थी, और उनके साथ बरामद राइफलें और ग्रेनेड भी मिले। 17 ग्रेनेड, एक अमेरिकी निर्मित M4 कार्बाइन राइफल और दो AK-47 बरामद किए गए। इन सभी हथियारों की FSL रिपोर्ट से यह पुष्टि हुई कि यही आतंकवादी पहलगाम हमले में शामिल थे।