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पाकिस्तान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव पर नई रिपोर्ट

हाल ही में आई एक रिपोर्ट में पाकिस्तान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव का विश्लेषण किया गया है। इस रिपोर्ट में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को हुए नुकसान का जिक्र किया गया है, जिसमें भारतीय वायु सेना द्वारा किए गए हमलों का विवरण शामिल है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि पाकिस्तान अपनी सुरक्षा में असमर्थ है और हाल के संघर्ष ने यह साबित कर दिया है कि वह भारत के मिसाइल हमलों से बच नहीं सकता। रिपोर्ट में पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को तेज करने की योजना का भी उल्लेख किया गया है।
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पाकिस्तान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव पर नई रिपोर्ट

पाकिस्तान की स्थिति पर अमेरिकी वैज्ञानिकों की रिपोर्ट

हाल के दिनों में पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंधों में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। अमेरिका ने हाल ही में कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को गंभीर नुकसान उठाना पड़ा था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि किन स्थानों पर हमले हुए थे, विशेषकर किराना हिल्स में हुए विस्फोट का उल्लेख किया गया है। इसके अलावा, यह भी जानकारी मिली है कि बलूचिस्तान में स्वतंत्रता की मांग को लेकर बलूच लोग सक्रिय हो रहे हैं। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने किराना हिल्स के संदर्भ में खुलासा किया है कि पाकिस्तान को इस संघर्ष में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। भारत ने 11 एयरबेस को निशाना बनाते हुए मिसाइल हमले किए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान भारत के हमलों से खुद को बचाने में असमर्थ है।


मई के संघर्ष का विश्लेषण

मई में हुए संघर्ष ने यह स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान भारत की मिसाइलों से अपनी रक्षा करने में पूरी तरह असफल रहा। हालांकि, पाकिस्तान ने कभी अपनी हार को स्वीकार नहीं किया। अब, तीन महीने बाद, बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स की एक रिपोर्ट से यह सामने आया है कि मई में भारत के खिलाफ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को गंभीर हार का सामना करना पड़ा। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना अपने 11 एयरबेसों को बचाने में विफल रही। न्यूक्लियर इंफॉर्मेशन प्रोजेक्ट के वैज्ञानिकों के शोध से यह भी पता चला है कि पाकिस्तान अपने परमाणु कार्यक्रम को तेज करने की योजना बना रहा है।


वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

अमेरिकी वैज्ञानिकों के संघ के निदेशक हैंस एम. क्रिस्टेंसन और उनके सहयोगियों ने इस रिपोर्ट में खुलासा किया है कि भारत ने 11 पाकिस्तानी ठिकानों पर हवाई हमले किए। इसके अलावा, किराना हिल्स में एक विस्फोट भी हुआ, जिसकी जिम्मेदारी भारतीय वायु सेना ने नहीं ली। भारतीय रक्षा बलों ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने इस हमले की खबरों को दबाने की कोशिश की। यह दर्शाता है कि दोनों देश संवेदनशील परमाणु ठिकानों पर हमलों के बारे में चर्चा से बचने का प्रयास कर रहे हैं।


पाकिस्तान की रक्षा की चुनौतियाँ

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान भारतीय मिसाइल हमलों से अपनी रक्षा नहीं कर सकता। मई के संघर्ष ने यह साबित कर दिया है। इसके तुरंत बाद, पाकिस्तान वायु सेना और सैन्य इंजीनियर सेवा ने नष्ट हुए सैन्य प्रतिष्ठानों की मरम्मत के लिए सार्वजनिक अनुबंध जारी किए। जिन स्थलों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है, उनमें पीएएफ शाहबाज एयरबेस, पीएएफ नूर खान एयरबेस और पीएएफ मसरूर एयरबेस शामिल हैं, जहाँ पाकिस्तान ने एफ-16 और जेएफ-17 लड़ाकू विमानों को तैनात किया था। किराना हिल्स के आसपास स्थित सरगोधा परिसर को भी भारी नुकसान पहुँचा है, जो ऐतिहासिक रूप से पाकिस्तानी परमाणु कार्यक्रम से जुड़ा रहा है।