पाकिस्तान और तालिबान के बीच बढ़ता संघर्ष: 2.5 लाख लोगों को घर छोड़ने का आदेश
पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति में गिरावट
पाकिस्तान, जो वर्षों से आतंकवादियों का समर्थन करता रहा है, अब अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। सिंध और बलूचिस्तान प्रांतों में स्थानीय जनसंख्या के साथ उसकी स्थिति पहले से ही खराब है, और अब उसे अफगान सीमा पर अपनी चौकियों की रक्षा करने में कठिनाई हो रही है। हाल ही में, मई के पहले सप्ताह में, उसे अपनी चौकियों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। भारत ने इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत की है, जबकि पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने भारत पर हमला किया है।अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत का बहराम चाह शहर एक बार फिर सशस्त्र संघर्ष का केंद्र बन गया है। पाकिस्तान के चगाई जिले के निकट स्थित इस क्षेत्र में, पाकिस्तानी सेना और तालिबान के बीच संघर्ष ने गंभीर मोड़ ले लिया है। पाकिस्तान ने इस क्षेत्र के 2.5 लाख निवासियों को तुरंत अपने घर छोड़ने का आदेश दिया है। तालिबान ने भी अपनी सीमा पर लोगों से घर खाली करने के लिए कहा है। यह संघर्ष, जो 3 फरवरी से शुरू हुआ था, अब एक बड़े युद्ध में बदलने की ओर अग्रसर है।
तालिबान ने अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए नई चौकियाँ स्थापित करना शुरू किया था, जिसके जवाब में पाकिस्तानी सेना ने उन पर गोलीबारी की, यह कहते हुए कि यह समझौते का उल्लंघन है। इस घटना ने तालिबान को भड़काया, जिसने एक पाकिस्तानी चेक पोस्ट पर मोर्टार दागे और उसे नष्ट कर दिया। इस स्थिति ने पहले से ही तनावपूर्ण पाक-अफगान संबंधों को और भी बिगाड़ दिया है। दोनों देशों के बीच डूरंड लाइन पर संघर्ष तेज हो गया है, जो ड्रग और हथियारों की तस्करी के लिए कुख्यात है। चगाई और हेलमंद में अपने सैन्य अभियानों के लिए बहराम चाह चेक पोस्ट को नष्ट करना पाकिस्तान के लिए एक विकल्प नहीं है।
