पाकिस्तान का अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल विकास: एक नई सैन्य चुनौती
पाकिस्तान का ICBM विकास
पाकिस्तान का ICBM विकास: पड़ोसी देश पाकिस्तान ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में भारत से मिली हार के बाद अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए हैं। अमेरिकी खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) विकसित करने में जुटा है, जो अमेरिका तक पहुंचने में सक्षम होगी।
क्या पाकिस्तान ICBM बना रहा है?
विदेश मामलों की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सेना परमाणु-सशस्त्र ICBM के विकास में लगी हुई है, खासकर मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद। इस्लामाबाद का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल भारत के खिलाफ सुरक्षा के लिए है, जो पारंपरिक रूप से एक मजबूत पड़ोसी है। हालांकि, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान एक ICBM विकसित कर रहा है, जो अमेरिका तक पहुंच सकता है।
इस प्रकार की लंबी दूरी की क्षमताओं का विकास पाकिस्तान को संभावित अमेरिकी सैन्य कार्रवाइयों से बचाने में मदद कर सकता है, चाहे वह उसकी परमाणु सुविधाओं पर हमला हो या भारत के साथ किसी भविष्य के संघर्ष में हस्तक्षेप।
ICBM क्या है?
आईसीबीएम एक लंबी दूरी की मिसाइल है, जिसकी रेंज 5,500 किलोमीटर (3,400 मील) से अधिक होती है, और इसे मुख्य रूप से परमाणु पेलोड पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जबकि ये मिसाइल पारंपरिक, रासायनिक या जैविक हथियार ले जाने में सक्षम हैं, लेकिन इन्हें कभी भी ऐसे पेलोड के साथ इस्तेमाल नहीं किया गया है।
आधुनिक आईसीबीएम में अक्सर कई स्वतंत्र रूप से लक्षित पुनः प्रवेश वाहन (MIRV) होते हैं, जो एक ही मिसाइल से कई वारहेड को अलग-अलग लक्ष्यों पर पहुंचाने की क्षमता प्रदान करते हैं। वर्तमान में, अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, भारत, इज़राइल और उत्तर कोरिया के पास ICBM हैं। पाकिस्तान, जो एक परमाणु-सशस्त्र राष्ट्र है, अब तक ICBM क्षमता से रहित है।
अमेरिकी रणनीति में बदलाव?
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यदि पाकिस्तान ICBM हासिल करता है, तो यह वाशिंगटन को मजबूर करेगा कि वह पाकिस्तान को एक परमाणु खतरे के रूप में वर्गीकृत करे। ऐतिहासिक रूप से, ऐसे देशों को अमेरिका ने सहयोगी के रूप में नहीं माना है।
