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पाकिस्तान का कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ झूठा नैरेटिव

पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ झूठ फैलाने की कोशिश की है। हाल ही में तुर्की में ओआईसी की बैठक में पाकिस्तान ने भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया। भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ओआईसी को इस मामले में टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के आतंकवाद को लेकर दिए गए बयानों को संकीर्ण राजनीतिक उद्देश्यों के लिए ओआईसी मंच का दुरुपयोग बताया। जानें इस मुद्दे पर भारत की स्थिति और ओआईसी की सीमाओं के बारे में।
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पाकिस्तान का कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ झूठा नैरेटिव

पाकिस्तान की पुरानी आदतें

जम्मू कश्मीर के संदर्भ में झूठ फैलाना और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ गलत जानकारी प्रस्तुत करना पाकिस्तान की एक पुरानी आदत बन चुकी है। यह लगातार ऐसे प्रयास करता रहा है, जिनका उद्देश्य वैश्विक समुदाय को गुमराह करना और भारत की छवि को नुकसान पहुंचाना है। हाल ही में तुर्की में इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी पाकिस्तान ने ओआईसी का उपयोग करके कश्मीर मुद्दे पर भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की कोशिश की। ओआईसी देशों ने कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के पक्ष को दोहराते हुए कहा कि वे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करते हैं। हालांकि, भारत ने पाकिस्तान और ओआईसी दोनों को कड़ी फटकार लगाई।


भारत की स्पष्ट प्रतिक्रिया

भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ओआईसी को इस मामले में टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। ओआईसी पाकिस्तान के प्रभाव में आकर कश्मीर के बारे में अनुचित और तथ्यात्मक रूप से गलत बयान दे रहा है। विदेश मंत्रालय ने एक विस्तृत बयान में कहा कि आतंकवाद को राजकाज में बदलने वाले पाकिस्तान द्वारा दिए गए ये बयान संकीर्ण राजनीतिक उद्देश्यों के लिए ओआईसी मंच के निरंतर दुरुपयोग को दर्शाते हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि ओआईसी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के वास्तविक खतरे को स्वीकार करने में बार-बार विफल रहा है, जिसका हालिया उदाहरण पहलगाम हमले में देखने को मिला है।


ओआईसी की सीमाएं

ओआईसी के पास भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है, जिसमें जम्मू और कश्मीर भी शामिल है, जो भारत का अभिन्न और संप्रभु हिस्सा है। यह तथ्य भारतीय संविधान में निहित है और अपरिवर्तनीय है। भारत की यह कड़ी प्रतिक्रिया तुर्की में ओआईसी के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन के बाद आई है, जिसमें भारतीय मुसलमानों को 'सामाजिक रूप से हाशिए' पर धकेलने सहित कई मुद्दों पर नई दिल्ली की आलोचना की गई। ओआईसी ने सिंधु जल संधि सहित भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय समझौतों का पालन करने का आह्वान किया और सभी लंबित विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए व्यापक बातचीत की आवश्यकता पर बल दिया।