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पाकिस्तान का झूठा दावा: अमेरिका ने किया खंडन, फील्ड मार्शल का आमंत्रण नहीं

पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसके फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को अमेरिका के सेना दिवस परेड के लिए आमंत्रित किया गया है, लेकिन व्हाइट हाउस ने इस दावे को खारिज कर दिया। यह घटना पाकिस्तान के लिए एक बार फिर शर्मिंदगी का कारण बनी है। अमेरिका की इस परेड का उद्देश्य उसकी सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करना है। इस परेड में हजारों सैनिक और आधुनिक सैन्य उपकरण शामिल होंगे। भारत में इस झूठे दावे के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ भी तेज हो गई हैं।
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पाकिस्तान का झूठा दावा: अमेरिका ने किया खंडन, फील्ड मार्शल का आमंत्रण नहीं

पाकिस्तान की नई शर्मिंदगी

एक बार फिर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। इस बार अमेरिका ने पाकिस्तान के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तानी फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को अमेरिकी सेना दिवस परेड के लिए व्हाइट हाउस से आमंत्रित किया गया है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा, 'यह गलत है। किसी भी विदेशी सैन्य नेता को आमंत्रित नहीं किया गया है।'


अमेरिकी परेड का महत्व

यह परेड अमेरिका की सबसे बड़ी सैन्य परेडों में से एक मानी जाती है, जिसका उद्देश्य अमेरिकी रक्षा क्षमताओं को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करना है। पाकिस्तान की इस झूठी खबर को फैलाने की कोशिश एक बार फिर उसके लिए शर्मिंदगी का कारण बन गई है।


'कोई आमंत्रण नहीं भेजा गया'

एक अमेरिकी समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा कि मीडिया में जो खबरें चल रही हैं कि पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को अमेरिका के सेना दिवस परेड में आमंत्रित किया गया है, 'यह पूरी तरह से झूठ है।' उन्होंने यह भी कहा कि इस भव्य परेड के लिए किसी भी विदेशी सैन्य नेता को आमंत्रित नहीं किया गया है।


ट्रंप का जन्मदिन और सेना की शक्ति

यह परेड अमेरिका की सेना के गठन की वर्षगांठ के अवसर पर 15 जून को आयोजित की जा रही है। 1775 में इसी दिन अमेरिकी सेना का गठन हुआ था, जो ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता की लड़ाई के लिए था। इस दिन डोनाल्ड ट्रंप का 79वां जन्मदिन भी है, और वे स्वयं इस परेड में सलामी देंगे।


पाकिस्तान का झूठ फिर उजागर

पाकिस्तान ने पहले यह प्रचारित किया था कि अमेरिका ने उसके फील्ड मार्शल को आमंत्रित किया है, जिससे यह दिखाने की कोशिश की गई कि अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते मजबूत हो रहे हैं। लेकिन व्हाइट हाउस की ओर से स्पष्ट इनकार ने पाकिस्तान की इस चाल को नाकाम कर दिया।


भारत में राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

इस झूठे दावे के वायरल होते ही भारत में कांग्रेस नेता जयराम रमेश और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) जैसे नेताओं ने मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाए। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में लिखा गया कि यह भारत की कूटनीति की विफलता है और 'देश को कमजोर करने की साजिश' है। बीजेपी ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि 'क्या विपक्ष पाकिस्तान की झूठी कहानियों पर भरोसा करने वाला गिरोह बन गया है?'


पाकिस्तान की नाकाम कोशिशें

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पाकिस्तान ने भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' की नकल करते हुए पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिका भेजा, लेकिन उन्हें Under Secretary से ऊपर के किसी भी अमेरिकी अधिकारी से मुलाकात नहीं मिल सकी। यह दौरा भी असफल रहा।


अमेरिकी परेड की विशेषताएँ

यह परेड अमेरिका की सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करने का एक अनोखा प्रयास है, जिसमें हजारों सैनिक, टैंक, हेलिकॉप्टर, पैराशूटर्स और फाइटर जेट्स शामिल होंगे। यह परेड इसलिए भी खास है क्योंकि अमेरिका आम तौर पर भारत के गणतंत्र दिवस या फ्रांस के बैस्टिल डे की तरह सैन्य परेड आयोजित नहीं करता। ऐसी बड़ी परेड अमेरिका में पिछली बार 1991 में हुई थी।


पाकिस्तान के लिए एक और झटका

एक बार फिर पाकिस्तान की छवि चमकाने की साजिश फेल हो गई। अमेरिका द्वारा सार्वजनिक रूप से फर्जी दावे का खंडन करना पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है। वैश्विक मंच पर बार-बार फेक न्यूज और झूठे दावों से पाकिस्तान की साख पर सवाल खड़े होते जा रहे हैं।