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पाकिस्तान का नया बजट: रक्षा खर्च में भारी वृद्धि, सामाजिक विकास में कटौती

पाकिस्तान ने वित्त वर्ष 2026 के लिए एक विवादास्पद बजट पेश किया है, जिसमें रक्षा खर्च में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जबकि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कटौती की गई है। इस बजट के पीछे की वजहें और इसके प्रभाव पर चर्चा की गई है। जानें कि कैसे यह बजट पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है और इसके सामाजिक विकास पर क्या असर पड़ेगा।
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पाकिस्तान का नया बजट: रक्षा खर्च में भारी वृद्धि, सामाजिक विकास में कटौती

पाकिस्तान का वित्त वर्ष 2026 का बजट

पाकिस्तान में चाहे जो भी सरकार हो, आम जनता की चिंता कभी नहीं की जाती। वर्तमान में, देश पर 76 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है, जो लगभग 269 अरब डॉलर के बराबर है। यह राशि कई छोटे देशों की कुल जीडीपी से भी अधिक है। इस भारी कर्ज के बीच, पाकिस्तान की सरकार ने एक ऐसा बजट पेश किया है, जिसने सभी को चौंका दिया है। वित्त वर्ष 2026 के लिए बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक विकास के क्षेत्रों में खर्च में कमी की गई है, जबकि रक्षा बजट में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। अब पाकिस्तान का रक्षा बजट 2.55 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये, यानी लगभग 9 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो पहले 2.12 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये था। यह वृद्धि 43 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि कुल बजट खर्च में लगभग 7 प्रतिशत की कटौती की गई है, और जो बचे हुए पैसे हैं, उन्हें रक्षा में लगाया गया है।


रक्षा खर्च में वृद्धि का कारण

दुनिया में कोई भी देश एक साल में इतना बड़ा बजट नहीं बढ़ा सकता। शहबाज शरीफ ने जनरल आसिम मुनीर को 2,550 अरब रुपये का बजट सौंपा है। पाकिस्तान में रोटी की कमी हो सकती है, लेकिन मरने के लिए गोली जरूर मिलेगी। जनरल आसिम मुनीर भारत को हराने का सपना देख रहे हैं, जबकि उनकी खोखली इच्छाओं की कीमत पाकिस्तान की जनता चुका रही है। हाल ही में, विश्व बैंक ने पाकिस्तान की गरीबी और भुखमरी पर एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसे अब संसद ने मंजूरी दे दी है।


सैन्य खर्च में वृद्धि की पृष्ठभूमि

सूत्रों के अनुसार, सैन्य खर्च में हालिया वृद्धि भारत के सटीक हमलों के बाद की गई है, जो 7-10 मई, 2025 के बीच हुए थे। इन हमलों ने पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणालियों में गंभीर कमजोरियों को उजागर किया। एचक्यू-9 एसएएम और बायरकटर टीबी2 ड्रोन जैसे चीनी और तुर्की सिस्टम भारतीय ड्रोन और मिसाइलों को रोकने में असमर्थ रहे। नूर खान एयरबेस पर हुए नुकसान के कारण पाकिस्तान की रणनीति में बदलाव की आवश्यकता महसूस की गई।


भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। 7 मई को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचे पर सटीक हमले किए। सरकार ने बजट बनाने की प्रक्रिया के दौरान रक्षा खर्च में 18 प्रतिशत की वृद्धि का समर्थन किया था। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में, सरकार ने रक्षा खर्च के लिए 2,122 अरब रुपये आवंटित किए, जो पिछले वित्त वर्ष के बजटीय आवंटन 1,804 अरब रुपये से 14.98 प्रतिशत अधिक है।