पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस: नेताओं की भारत विरोधी बयानबाजी का नया दौर

पाकिस्तान का 79वां स्वतंत्रता दिवस
Pakistan Independence Day: 14 अगस्त को पाकिस्तान अपने 79वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहा है, इस अवसर पर देश के प्रमुख नेताओं ने एक बार फिर भारत के खिलाफ बयानबाजी को प्राथमिकता दी। आर्थिक संकट, बढ़ती महंगाई और जनता की समस्याओं पर चर्चा करने के बजाय, उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे को उठाया और भारत के खिलाफ हालिया संघर्ष में कथित जीत का दावा किया।
इशाक डार का बयान
इशाक डार ने अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान ने 'मारका-ए-हक' में सैन्य और कूटनीतिक दोनों मोर्चों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और भारत की कार्रवाइयों का प्रभावी जवाब दिया। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान तब तक कश्मीर का समर्थन करता रहेगा जब तक कश्मीरियों को 'न्याय' नहीं मिल जाता। हालांकि, उनके इन दावों से पहले भी पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी और नेता कई बार इसी तरह के बयान दे चुके हैं।
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को झटका
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को करारा झटका
वास्तविकता इशाक डार के दावों से बिल्कुल अलग है। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक के कब्जे वाले कश्मीर में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल एयरस्ट्राइक की। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के कई महत्वपूर्ण एयरबेस - नूर खान, रफीकी, मुरीद, सुक्कुर, चुनियन और रहीमयार खान को गंभीर क्षति पहुंची। कई F-16 लड़ाकू विमान और अन्य सैन्य संसाधन नष्ट हो गए। हालात इतने बिगड़ गए कि पाकिस्तान के DGMO ने भारत से सीधा संपर्क कर ऑपरेशन रोकने की अपील की, जिसके बाद सीजफायर लागू हुआ।
जनता का ध्यान भटकाने की रणनीति
जनता का ध्यान भटकाने की रणनीति
पाकिस्तान में यह कोई नई रणनीति नहीं है कि सरकार और सेना घरेलू संकटों से ध्यान हटाने के लिए भारत और कश्मीर मुद्दे को हवा दें। इशाक डार का स्वतंत्रता दिवस भाषण भी इसी पैटर्न पर था। उन्होंने ना तो महंगाई, ना बेरोजगारी और ना ही देश की डांवाडोल अर्थव्यवस्था पर कोई ठोस चर्चा की। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की बयानबाजी का असली मकसद जनता को बरगलाना और आंतरिक असंतोष को दबाना है।