पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र बंद: भारत के कदम से हुआ बड़ा आर्थिक नुकसान

भारत के सिंधु जल संधि निलंबन के बाद पाकिस्तान का निर्णय
अंतरराष्ट्रीय समाचार: 23 अप्रैल को भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के तुरंत बाद, पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया। इस निर्णय के कारण पाकिस्तान को अप्रैल से जून के बीच लगभग 4.10 अरब पाकिस्तानी रुपये, यानी करीब 1240 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान हुआ। रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, इस कदम से प्रतिदिन 100 से 150 भारतीय उड़ानें प्रभावित हुईं। इन विमानों को लंबा मार्ग अपनाना पड़ा, जबकि पाकिस्तान को ओवरफ्लाई चार्ज से होने वाली आय भी रुक गई।
विपक्ष ने उठाए सवाल
जब संसद में ये आंकड़े प्रस्तुत किए गए, तो विपक्ष ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। हालांकि, पाकिस्तान के हवाई अड्डा प्राधिकरण ने दावा किया कि उसका कुल राजस्व 2019 में 5.08 लाख डॉलर से बढ़कर 2025 में 7.60 लाख डॉलर तक पहुंच जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि हवाई क्षेत्र का बंद होना राष्ट्रीय संप्रभुता का मामला है, जिसमें आर्थिक नुकसान गौण है।
पाकिस्तान को पहले भी हुआ है नुकसान
बड़ा घाटा पहले भी: डॉन अख़बार के अनुसार, 2019 में सीमा पार तनाव के कारण एयरस्पेस बंद होने से पाकिस्तान को 54 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था। विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार ऐसा करना पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को और भी खराब कर रहा है।
पाबंदी जारी
अभी भी पाबंदी: वर्तमान में, पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र भारतीय विमानों के लिए बंद है और यह पाबंदी अगस्त के अंत तक जारी रहने की संभावना है। इसी प्रकार, भारत ने भी अपने हवाई क्षेत्र में पाकिस्तानी विमानों के प्रवेश पर रोक लगाई हुई है।
आतंकी हमले के बाद की स्थिति
आतंकी हमले का प्रभाव: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। पाकिस्तान स्थित संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस घटना के बाद भारत ने अपने राजनयिक संबंधों को घटाया, सिंधु जल संधि को निलंबित किया और व्यापार पर रोक लगा दी।
राष्ट्रीय सुरक्षा बनाम आर्थिक लाभ
सुरक्षा प्राथमिकता: भारतीय और पाकिस्तानी दोनों मंत्रालयों का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता आर्थिक लाभ से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय तक हवाई क्षेत्र का बंद रहना दोनों देशों के एविएशन सेक्टर को करोड़ों का नुकसान पहुंचा सकता है।