Newzfatafatlogo

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति: भिखारिस्तान की सच्चाई

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति गंभीर होती जा रही है, जिसे भिखारिस्तान के नाम से भी जाना जाता है। मरियम नवाज ने हाल ही में इस पर खुलकर बात की, बताते हुए कि कैसे देश की इज्जत अब दो कौड़ी की रह गई है। उन्होंने बाढ़ के मुद्दे पर राजनीति करने वालों पर भी निशाना साधा। पाकिस्तान की जीडीपी का 42% कर्ज और 40% गरीबी दर जैसी चिंताजनक आंकड़े इस देश की स्थिति को और भी गंभीर बनाते हैं। जानिए पूरी कहानी में क्या है।
 | 
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति: भिखारिस्तान की सच्चाई

पाकिस्तान की कटोरा डिप्लोमैसी

पाकिस्तान, जिसे भिखारिस्तान के नाम से भी जाना जाता है, की आर्थिक स्थिति की चर्चा पूरी दुनिया में होती रही है। यह देश बार-बार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैंक, और विभिन्न देशों के सामने आर्थिक सहायता के लिए हाथ फैलाता रहा है। अब यह स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि न केवल आम जनता, बल्कि खुद शहबाज शरीफ के रिश्तेदार भी इसकी सच्चाई को उजागर कर रहे हैं।


हाल ही में, मरियम नवाज शरीफ ने एक सार्वजनिक मंच पर पाकिस्तान की दयनीय स्थिति को स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि कैसे पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि बेहद खराब हो चुकी है और यह केवल भीख मांगने वाला देश बनकर रह गया है।


मरियम नवाज का बयान

मरियम नवाज ने फैसलाबाद में एक रैली के दौरान कहा कि पाकिस्तान की इज्जत अब दो कौड़ी की भी नहीं रह गई है। उन्होंने यह भी कहा कि देश की स्थिति इतनी खराब है कि वहां के नेता जहां भी जाते हैं, भीख मांगने लगते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान की डिप्लोमैसी को कटोरा डिप्लोमैसी कहा जाता है, जो कि अब आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बन चुका है।


बाढ़ पर राजनीति

एक रैली में मरियम ने बाढ़ के मुद्दे पर राजनीति करने वालों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पंजाब में बाढ़ से स्थिति गंभीर है और हम इसे सुधारने में लगे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई उन पर व्यक्तिगत हमले करता है, तो वह सहन करेंगी, लेकिन बाढ़ पर सवाल उठाने पर वह कड़ी प्रतिक्रिया देंगी।


इस बयान के बाद नेशनल असेंबली में हंगामा मच गया, जहां पीपीपी के सांसदों ने मरियम से माफी मांगने की मांग की।


पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियाँ

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बेहद चिंताजनक है। देश पर कुल जीडीपी का 42% कर्ज है, और विदेशी मुद्रा भंडार मात्र 15 अरब डॉलर है। गरीबी दर 40% तक पहुँच चुकी है, जबकि महंगाई दर 24% तक पहुँच गई है। इसके अलावा, 80% लोगों को पौष्टिक आहार भी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में, अगर पाकिस्तान के लोग भीख नहीं मांगेंगे, तो और क्या करेंगे?