Newzfatafatlogo

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति: सुधारों के बावजूद आम जनता की मुश्किलें

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर विश्व बैंक की नई रिपोर्ट में सुधारों के बावजूद आम जनता की मुश्किलों का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में गरीबी और असमानता की बढ़ती समस्या, ग्रामीण और शहरी असमानता, रोजगार संकट, और महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डाला गया है। इसके अलावा, IMF सुधारों और निवेश की चुनौतियों के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा और नीतिगत सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है। जानें कैसे आर्थिक आंकड़ों में सुधार के बावजूद आम नागरिकों की जीवन गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हो रहा है।
 | 
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति: सुधारों के बावजूद आम जनता की मुश्किलें

विश्व बैंक की रिपोर्ट पर पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति

पाकिस्तान की आर्थिक सुधारों पर विश्व बैंक की नजर: पाकिस्तान सरकार ने आर्थिक विकास और सुधारों का दावा किया है, लेकिन वास्तविकता आम जनता के लिए निराशाजनक बनी हुई है। विश्व बैंक की एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले कुछ वर्षों में लोगों की भलाई में गिरावट आई है।


गरीबी और असमानता में वृद्धि हो रही है, और ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति शहरी इलाकों की तुलना में कहीं अधिक खराब है। आर्थिक स्थिरता के बावजूद, आम नागरिकों की जीवन गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं दिखाई दे रहा है।


गरीबी और असमानता की बढ़ती समस्या

रिपोर्ट के अनुसार, 2001 में 60% से अधिक गरीबी दर 2018 तक 21% तक गिर गई थी, लेकिन अब यह 2023-24 में 27% से ऊपर पहुंच गई है। निम्न-मध्यम आय वर्ग के मानकों के अनुसार, लगभग आधी आबादी अब गरीबी रेखा के नीचे है। विशेष रूप से बलोचिस्तान और सिंध के अंदरूनी क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे की पहुंच सीमित है।


ग्रामीण और शहरी असमानता

इस आर्थिक सुधार का लाभ मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में देखा जा रहा है, जैसे इस्लामाबाद और लाहौर। ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सेवाओं की कमी और संसाधनों की अनुपलब्धता असमानता को बढ़ा रही है। बच्चों में कुपोषण की समस्या गंभीर है, जहां लगभग 40% पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की वृद्धि बाधित है। शिक्षा की गुणवत्ता में कमी के कारण युवा रोजगार के लिए तैयार नहीं हो पा रहे हैं।


रोजगार संकट और महिलाओं की स्थिति

पाकिस्तान में लगभग 85% कार्यबल अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत है, जिनके पास अनुबंध, लाभ या सामाजिक सुरक्षा नहीं है। विशेष रूप से महिलाएं इस असमान स्थिति से अधिक प्रभावित हैं। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि घर की आय में 10% की गिरावट भी लाखों लोगों को गरीबी में धकेल सकती है, क्योंकि मजदूरी स्थिर है और महंगाई लगातार बढ़ रही है।


IMF सुधार और निवेश की चुनौतियाँ

हालांकि IMF-समर्थित सुधारों ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को स्थिर किया है, लेकिन आम लोगों की जीवन गुणवत्ता में कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं हुआ है। विदेशी निवेशक भी सरकार के सकारात्मक दृष्टिकोण के प्रति संदेह में हैं। कमजोर मांग और संरचनात्मक कमियों के कारण कई निवेशक अपने निवेश को घटा रहे हैं या वापस ले रहे हैं।


सामाजिक सुरक्षा और नीतिगत सुधार की आवश्यकता

विश्व बैंक ने पाकिस्तान को समावेशी और स्थायी नीतियों को अपनाने की सलाह दी है। इसमें मजबूत सामाजिक सुरक्षा जाल, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं, और निष्पक्ष वित्तीय सुधार शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वास्तविक प्रगति केवल आर्थिक संकेतकों या IMF अनुमोदन से नहीं, बल्कि आम नागरिकों की जीवन गुणवत्ता में सुधार से मापी जानी चाहिए।


आम नागरिकों के जीवन में सुधार की आवश्यकता

रिपोर्ट का मुख्य संदेश स्पष्ट है कि आर्थिक स्थिरता और विकास की उपलब्धियों का सही माप यह है कि आम नागरिकों की जिंदगी में सुधार हो। पाकिस्तान में आर्थिक सुधारों का लाभ केवल कुछ लोगों तक सीमित रह गया है, जबकि करोड़ों लोग अभी भी गरीबी और असमानता की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। यदि असली प्रगति चाहिए, तो सरकार को नीति में बदलाव कर आम जनता के जीवन स्तर को सुधारना होगा।


यह रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि आर्थिक आंकड़ों में सुधार के बावजूद, पाकिस्तान में सामाजिक और आर्थिक असमानता का मुद्दा गंभीर बना हुआ है। विकास का वास्तविक माप यह होना चाहिए कि आम नागरिकों को बेहतर जीवन, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा मिले।