पाकिस्तान की जल संकट पर प्रतिक्रिया: शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख की चेतावनियाँ
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने भारत के जल नीतियों पर गंभीर चेतावनियाँ दी हैं। भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित करने के बाद पाकिस्तान की स्थिति में बदलाव आया है। शरीफ ने जल को हथियार बनाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान अपने लोगों के अधिकारों की रक्षा करेगा। जानें इस विवाद का पूरा विवरण और दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के कारण।
May 31, 2025, 11:36 IST
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भारत-पाक जल विवाद की नई स्थिति
भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव के दौरान, पाकिस्तान ने बार-बार परमाणु हमले की धमकी दी, लेकिन अब जब भारत ने उसके जल स्रोतों को रोक दिया है, तो पाकिस्तान की स्थिति बदल गई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख मौलाना मुनीर अब पानी की कमी की बात कर रहे हैं। आपको याद दिला दें कि भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद सिंधु जल संधि को स्थगित करने की घोषणा की थी। प्रारंभ में पाकिस्तान ने इसे एक सामान्य घोषणा समझा, लेकिन जब पानी की कमी गंभीर हो गई, तो उसे समझ में आया कि यह एक बड़ा झटका है। भारत ने विभिन्न मंचों पर स्पष्ट किया है कि सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी, जिससे पाकिस्तान के नेताओं और सेना के पास कोई उपाय नहीं बचा है, और वे अब धमकियाँ देने पर मजबूर हो गए हैं।
शहबाज शरीफ का बयान
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने "पानी को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने" के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान भारत को संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए सिंधु जल संधि को स्थगित नहीं करने देगा। उन्होंने ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में ग्लेशियरों के संरक्षण पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में इस मुद्दे को उठाया। शरीफ ने कहा कि भारत का एकतरफा और अवैध निर्णय बेहद खेदजनक है। उन्होंने कहा, "संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए लाखों लोगों की जान को खतरे में नहीं डालना चाहिए और पाकिस्तान ऐसा नहीं होने देगा।"
गाज़ा संकट की तुलना
शहबाज शरीफ ने अपने बयान में गाज़ा संकट की तुलना भारत-पाक जल विवाद से की और भारत पर "जल को हथियार बनाने" का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया गाज़ा में पारंपरिक हथियारों के इस्तेमाल से हुए घावों की गवाही दे रही है, और अब जल को भी एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। शरीफ ने चेतावनी दी कि इस्लामाबाद भारत को "रेड लाइन" पार करने की अनुमति नहीं देगा, जिससे लाखों लोगों का जीवन खतरे में पड़ सकता है।
पाकिस्तान की सेना का रुख
पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने कहा कि इस्लामाबाद जल मुद्दे पर कभी समझौता नहीं करेगा, क्योंकि यह देश के 24 करोड़ लोगों के मूल अधिकारों से जुड़ा है। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान कभी भी भारतीय आधिपत्य को स्वीकार नहीं करेगा।"
भारत का दृष्टिकोण
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा कि पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि बहुत खराब तरीके से की गई थी। उन्होंने कहा कि इस संधि के तहत भारत को कश्मीर में बांधों से गाद निकालने की अनुमति नहीं थी। मोदी ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है और अपनी तरफ बांधों की क्षमता बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जल विवाद का ऐतिहासिक संदर्भ
भारत ने स्पष्ट किया है कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते। सिंधु जल संधि का निलंबन पाकिस्तान के प्रति लंबे समय से चली आ रही सहनशीलता के अंत का प्रतीक है। यह ध्यान देने योग्य है कि दोनों देशों ने जल विवाद को सुलझाने के लिए 1960 में सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे।