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पाकिस्तान की नई रणनीति: क्या भारत से वार्ता की ओर बढ़ रहा है?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की रणनीतिक सोच में बदलाव आया है। पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत से वार्ता की वकालत की है और ISI तथा RAW के बीच सीधी बातचीत का प्रस्ताव रखा है। इस बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी भारत से बातचीत की इच्छा जता रहे हैं। जानें, क्या ये नरम बयाने पाकिस्तान की मजबूरी हैं या शांति की दिशा में एक कदम?
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पाकिस्तान की नई रणनीति: क्या भारत से वार्ता की ओर बढ़ रहा है?

पाकिस्तान की रणनीतिक सोच में बदलाव

ऑपरेशन सिंदूर के बाद, पाकिस्तान की रणनीतिक सोच में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिल रहा है। पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत के साथ बातचीत की आवश्यकता पर जोर देते हुए ISI और RAW के अधिकारियों के बीच सीधी वार्ता का प्रस्ताव रखा है। न्यूयॉर्क में यूएन ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है।


आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति

भुट्टो ने यह भी कहा कि अरबों लोगों का भविष्य आतंकवादियों के हाथों में नहीं छोड़ा जा सकता। यदि ISI और RAW एक साथ बैठकर साझा रणनीति बनाएं, तो दोनों देशों में आतंकवाद की घटनाओं में कमी आ सकती है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान की सैन्य और कूटनीतिक स्थिति कमजोर दिखाई दे रही है।


भारत और पाकिस्तान का अमेरिका दौरा

दिलचस्प बात यह है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत और पाकिस्तान दोनों ने अमेरिका से कूटनीतिक बातचीत की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। भारत ने अमेरिका के साथ रक्षा और रणनीतिक सहयोग पर जोर दिया है, जबकि पाकिस्तान ने भी तनाव कम करने के लिए उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका भेजा है।


प्रधानमंत्री शरीफ की वार्ता की अपील

पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी लगातार भारत से बातचीत की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं। लाचिन में हुए त्रिपक्षीय सम्मेलन और तेहरान यात्रा के दौरान, उन्होंने भारत को वार्ता का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कश्मीर, पानी और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर सीधी बातचीत की आवश्यकता पर बल दिया।


ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव

भारतीय वायुसेना की कार्रवाई ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस ऑपरेशन में 6 PAF फाइटर जेट, 2 हाई-वैल्यू एयरक्राफ्ट, 10 UCAV (ड्रोन), 1 C-130 ट्रांसपोर्ट प्लेन और कई क्रूज़ मिसाइलें नष्ट कर दी गईं। इससे पाकिस्तान की वायुसेना को एक बड़ा झटका लगा है।


शांति की पेशकश या मजबूरी?

विश्लेषक भुट्टो और शरीफ के नरम बयानों को पाकिस्तान की मजबूरी से जोड़कर देख रहे हैं। माना जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान पर दबाव है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर संयमित और बातचीत के लिए तैयार दिखे।


भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार

इस समय भारत की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन यह स्पष्ट है कि भारत पाकिस्तान की किसी भी वार्ता की पेशकश को आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदमों से जोड़कर देखेगा। ISI और RAW की बातचीत की संभावना तभी वास्तविकता बन सकती है, जब पाकिस्तान अपने आतंकी ढांचे पर नियंत्रण रखे।