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पाकिस्तान की परमाणु धमकियों में कमी, शहबाज़ शरीफ़ का नया बयान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने हाल ही में भारत के साथ संभावित परमाणु संघर्ष की चिंताओं को खारिज किया है। यह बयान भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन 'सिंदूर' के बाद आया है, जिसमें आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल हमले किए गए थे। शरीफ़ ने कहा कि पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम शांति बनाए रखने के लिए है, न कि आक्रामकता के लिए। जानें इस बयान का क्षेत्रीय सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
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पाकिस्तान की परमाणु धमकियों में कमी, शहबाज़ शरीफ़ का नया बयान

पाकिस्तान का नया रुख

नई दिल्ली: ऑपरेशन 'सिंदूर' के दौरान भारत को बार-बार परमाणु हमले की धमकी देने वाला पाकिस्तान अब अपने रुख में बदलाव लाता दिख रहा है। हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने भारत के साथ संभावित परमाणु संघर्ष की चिंताओं को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। यह बयान भारतीय सैन्य कार्रवाई के कुछ दिनों बाद आया है।


शहबाज़ शरीफ़ का बयान

इस्लामाबाद में छात्रों को संबोधित करते हुए शरीफ़ ने कहा, “पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांति बनाए रखने और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए है, न कि आक्रामकता के लिए।”


ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदला लहजा

प्रधानमंत्री शरीफ़ का यह बयान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन 'सिंदूर' के बाद आया है। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सैन्य बलों ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के भीतर मौजूद आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल हमले किए थे। बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों सहित कुल नौ आतंकी अड्डों को निशाना बनाया गया। भारतीय कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान की सेना ने भी जवाबी कार्रवाई का दावा किया, जिसमें पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के मुताबिक 55 नागरिक और सुरक्षाकर्मी मारे गए।


परमाणु हमले की धमकी पर यू-टर्न

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक तनाव चरम पर था। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने परमाणु हथियारों के संभावित उपयोग की बात कही थी, हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि “यह विकल्प सिर्फ तब इस्तेमाल होगा जब देश के अस्तित्व पर सीधा खतरा हो।”


इसके बाद, ISI के पूर्व प्रमुख जावेद अशरफ़ काज़ी ने भी आगाह किया कि “अगर परमाणु युद्ध छिड़ा, तो उसका असर सिर्फ भारत-पाकिस्तान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे क्षेत्र को तबाह कर देगा।” उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के जापान पर हुए परमाणु हमलों की तुलना करते हुए कहा, “दो बमों का असर आज तक दिख रहा है, हमारे पास तो 170 से अधिक हथियार हैं—युद्ध की कल्पना भी विनाशकारी होगी।”