पाकिस्तान की बांग्लादेश में आतंकवादी गतिविधियों का नया केंद्र बनने की रिपोर्ट
पाकिस्तान की नई रणनीति
ढाका - हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि पाकिस्तान न केवल बांग्लादेश की भूमि का उपयोग नशीली दवाओं की तस्करी के लिए कर रहा है, बल्कि इसे भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए भी एक आधार बना रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के हैंडलर, जिनमें पूर्व पाकिस्तानी सैन्य कमांडो शामिल हैं, बांग्लादेश के बंदरबन, ब्रह्मनबारिया और सिलहट जिलों में गुप्त प्रशिक्षण शिविर संचालित कर रहे हैं।
इन शिविरों में अब तक 125 से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया गया है, जिनमें 50 से ज्यादा रोहिंग्या युवक और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों अंसारुल्लाह बांग्ला टीम और हिज्ब उत-तहरीर के सदस्य शामिल हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि इन युवाओं को आईईडी बनाने, गुरिल्ला युद्ध की रणनीतियों और भारत की सीमा में घुसपैठ की ट्रेनिंग दी जा रही है। यह ध्यान देने योग्य है कि ये शिविर भारत-बांग्लादेश सीमा के उन क्षेत्रों में स्थापित किए गए हैं, जहां कोई फेंसिंग नहीं है।
रिपोर्ट में 'साउथ एशिया प्रेस' के हवाले से कहा गया है कि बांग्लादेश पाकिस्तान की हाइब्रिड वॉरफेयर रणनीति का नया केंद्र बनता जा रहा है, जहां आईएसआई ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी के साथ मिलकर नशीली दवाओं की तस्करी और आतंकवादी ढांचे का निर्माण किया है। 2024 में ढाका में राजनीतिक बदलाव और मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के गठन के बाद पाकिस्तान ने इन गतिविधियों को तेजी से आगे बढ़ाया है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि सितंबर 2024 में पाकिस्तान से आने वाले माल पर अनिवार्य जांच छूट और दिसंबर 2024 में पाकिस्तानी नागरिकों के सुरक्षा मंजूरी नियमों में ढील देने के बाद आईएसआई के एजेंटों और नशीली दवाओं की तस्करी के लिए रास्ते खुल गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, दाऊद की कराची-आधारित सिंडिकेट अब अफगान हेरोइन, मेथ और अन्य सिंथेटिक ड्रग्स को बांग्लादेश के बंदरगाहों के माध्यम से भारत और अन्य देशों में भेज रही है। अक्टूबर 2025 में चिटगांव पोर्ट पर 25 टन नशीली सामग्री बरामद की गई थी, जिसे 'बर्ड फीड' के नाम पर भेजा गया था। यह तरीका सीधे आईएसआई द्वारा संचालित गुप्त व्यापार नेटवर्क से जुड़ा हुआ बताया गया है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि डी-कंपनी का नेटवर्क चटग्राम और कॉक्स बाजार में लॉजिस्टिक हब स्थापित कर रहा है, जहां रियल एस्टेट, हवाला और संगठित अपराध के माध्यम से बड़ी मात्रा में धन का लेन-देन किया जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की यह रणनीति भारत को घेरने और उसके उत्तर-पूर्व को नशीली दवाओं और आतंकवाद के प्रभाव में लाने की कोशिश है। इसके साथ ही, बांग्लादेश के सेकुलर ढांचे को कमजोर कर वहां एक कट्टरपंथी मित्र सरकार स्थापित करने की योजना भी शामिल है। सुरक्षा विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि यदि क्षेत्रीय स्तर पर मजबूत कार्रवाई नहीं की गई, तो बांग्लादेश दक्षिण एशिया का स्थायी 'नारको-टेरर हब' बन सकता है, जिससे भारत की आंतरिक सुरक्षा और बंगाल की खाड़ी की समुद्री सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न होगा।
