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पाकिस्तान की शाहीन-3 मिसाइल परीक्षण में विफलता, बलूच नेताओं की नाराजगी

पाकिस्तान की शाहीन-3 न्यूक्लियर मिसाइल का हालिया परीक्षण विफल रहा, जिससे यह बलूचिस्तान के निकट गिरी। इस घटना ने बलूच नेताओं में गुस्सा पैदा किया है, जिन्होंने इसे नागरिकों के जीवन के लिए खतरा बताया। मीर यार बलोच ने पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हथियारों के प्रतिबंध लगाने की मांग की है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
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पाकिस्तान की शाहीन-3 मिसाइल परीक्षण में विफलता, बलूच नेताओं की नाराजगी

पाकिस्तान की मिसाइल परीक्षण में असफलता


पाकिस्तान की शाहीन-3 मिसाइल परीक्षण में विफलता: पाकिस्तान, जो अपने परमाणु हथियारों पर गर्व करता है, को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। शाहीन-3 न्यूक्लियर मिसाइल का परीक्षण 22 जुलाई को किया गया, जिसमें यह बलूचिस्तान प्रांत के निकट खेतों में गिर गई। इस घटना से बलूच नेताओं में गुस्सा उत्पन्न हुआ है।


बलूच नेता मीर यार बलोच ने इस घटना पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तान के मिसाइल परीक्षणों की निरंतर विफलताएँ बलूचिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती हैं और नागरिकों के जीवन को खतरे में डालती हैं। उन्होंने बताया कि मिसाइल डेरा गाजी खान क्षेत्र से दागी गई थी और यह नागरिक बस्तियों के बेहद करीब गिरी, जिससे बड़ी जनहानि हो सकती थी।


उन्होंने आगे कहा कि यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान की सेना ने बलूच नागरिकों को निशाना बनाया है। बलूचिस्तान में मिसाइल परीक्षणों का उपयोग स्थानीय लोगों को उनके घरों से निकालने के लिए किया जा रहा है। हाल के वर्षों में, पाकिस्तान ने इस क्षेत्र को बैलिस्टिक मिसाइलों और अन्य उन्नत हथियारों के परीक्षण स्थल में बदल दिया है।


मीर यार बलोच ने यह भी याद दिलाया कि 28 मई, 1998 को पाकिस्तान ने बलूचिस्तान में परमाणु परीक्षण किए थे, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय समुदायों में स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हुआ है।




संयुक्त राष्ट्र से हथियारों पर प्रतिबंध की मांग


मीर यार बलोच ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से अपील की है कि वे पाकिस्तान पर हथियारों के प्रतिबंध लगाएँ और बलूचिस्तान में नागरिक सुरक्षा के उल्लंघनों की जांच करें।