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पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आईईडी धमाका, रेलवे ट्रैक को नुकसान

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में डेरा मुराद जमाली के पास एक आईईडी धमाका हुआ, जिससे रेलवे ट्रैक को गंभीर नुकसान पहुंचा। पुलिस ने एक अन्य विस्फोटक को डिफ्यूज किया और सुरक्षा बलों ने संदिग्धों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया। यह घटना पहले भी हो चुकी है, जिसमें जफ्फार एक्सप्रेस को निशाना बनाया गया था। जानें इस घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
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पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आईईडी धमाका, रेलवे ट्रैक को नुकसान

धमाके की जानकारी

क्वेटा - पाकिस्तान के बलूचिस्तान में डेरा मुराद जमाली के निकट एक आईईडी धमाके की घटना सामने आई है। यह विस्फोट रेलवे ट्रैक पर हुआ, जिससे ट्रैक का एक हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। पुलिस ने एक अन्य विस्फोटक उपकरण को सफलतापूर्वक डिफ्यूज कर दिया है। यह पहली बार नहीं है जब इस क्षेत्र में ऐसा धमाका हुआ है; इससे पहले भी कई बार इसी तरह की घटनाएं देखी गई हैं।


घटनास्थल पर कार्रवाई

पुलिस के अनुसार, बदमाशों ने नसीराबाद जिले के नोटाल क्षेत्र में मुख्य रेलवे ट्रैक पर एक आईईडी लगाया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक बड़ी दुर्घटना टल गई जब जफ्फार एक्सप्रेस, जो पेशावर से क्वेटा जा रही थी, के पहुंचने से पहले ही विस्फोट हुआ। धमाके के कारण रेलवे ट्रैक का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे ट्रेन सेवा रोकनी पड़ी। रेलवे अधिकारियों ने जफ्फार एक्सप्रेस को डेरा मुराद जमाली पर रोक दिया और ट्रैक की मरम्मत तक क्वेटा और अन्य क्षेत्रों के बीच ट्रेन सेवाएं स्थगित कर दी गईं।


सुरक्षा बलों की कार्रवाई

धमाके के बाद, पुलिस, बम डिस्पोजल स्क्वॉड और सुरक्षा बलों की एक बड़ी टीम मौके पर पहुंची और संदिग्धों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया। पिछले नवंबर में भी बलूचिस्तान के बोलन पास में जफ्फार एक्सप्रेस पर एक हमला हुआ था। उस समय हथियारबंद लोगों ने ट्रेन पर फायरिंग की थी, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की।


पिछली घटनाएं

इससे पहले, 7 अक्टूबर को सिंध के शिकारपुर जिले में जफ्फार एक्सप्रेस को निशाना बनाकर किए गए एक धमाके में कम से कम सात लोग घायल हुए थे। शिकारपुर के डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि यह विस्फोट सुल्तान कोट रेलवे स्टेशन से एक किलोमीटर की दूरी पर हुआ था। इस साल की शुरुआत में, बलूच लिबरेशन आर्मी द्वारा जफ्फार एक्सप्रेस को हाईजैक किया गया था, जिसमें 400 से अधिक लोग बंधक बन गए थे।