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पाकिस्तान के मदरसों में यौन शोषण की भयावह सच्चाई: क्या है सरकार की भूमिका?

पाकिस्तान के मदरसों में बच्चों के साथ यौन शोषण की गंभीरता एक बार फिर से उजागर हुई है। फ्रांस-24 की रिपोर्ट ने उन दरिंदों की करतूतों को सामने लाया है, जो इस्लामिक शिक्षा के नाम पर नाबालिगों का शिकार कर रहे हैं। रिपोर्ट में पीड़ित बच्चों के दर्दनाक अनुभवों का उल्लेख है, जो इस मुद्दे की गंभीरता और पाकिस्तान सरकार की उदासीनता को दर्शाते हैं। जानिए इस मामले में क्या है सरकार की भूमिका और मौलवियों को राजनीतिक संरक्षण मिलने की आशंका।
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पाकिस्तान के मदरसों में यौन शोषण की भयावह सच्चाई: क्या है सरकार की भूमिका?

पाकिस्तान के मदरसों में यौन शोषण का खुलासा

पाकिस्तान के मदरसों में बच्चों के साथ हो रहे यौन शोषण की गंभीरता एक बार फिर से उजागर हुई है। फ्रांसीसी मीडिया संस्थान फ्रांस-24 की एक रिपोर्ट ने उन दरिंदों की करतूतों को सामने लाया है, जो इस्लामिक शिक्षा के नाम पर नाबालिगों का शिकार कर रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे क्रूरता और यौन हिंसा का शिकार बन रहे हैं। कई पीड़ित बच्चों ने अपने दर्दनाक अनुभव साझा किए हैं, जिससे इस मुद्दे की गंभीरता और पाकिस्तान सरकार की उदासीनता स्पष्ट होती है.


मदरसों में शिक्षा के बजाय ज़ुल्म

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान के हजारों मदरसों में मौलवी बच्चों के साथ दुष्कर्म कर रहे हैं, और यह अमानवीय व्यवहार अब वहां की सांस्कृतिक व्यवस्था का हिस्सा बन चुका है।


लाखों गरीब बच्चे मदरसों में

पाकिस्तान में लगभग 36,000 रजिस्टर्ड और गैर-रजिस्टर्ड मदरसे हैं, जहां करीब 22 लाख बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश बच्चे गरीब परिवारों से आते हैं। इन मदरसों में रहने और खाने की सुविधा दी जाती है, लेकिन असल में ये संस्थान बच्चों के लिए नर्क से भी बदतर साबित हो रहे हैं.


पीड़ित बच्चों के दर्दनाक अनुभव

फ्रांस-24 ने कई पीड़ित बच्चों के इंटरव्यू लिए। एक 14 वर्षीय बच्चे ने बताया कि उसके मौलवी ने उसके साथ बलात्कार किया। उसने कहा, "गांव के सभी लड़के मदरसे में बलात्कार की बात करते थे... लेकिन मैंने नहीं सोचा था कि मेरे साथ ऐसा हो सकता है।" एक अन्य नाबालिग ने बताया कि उसके स्कूल के हेडमास्टर ने उसे घर की सफाई के बहाने अपने घर बुलाया और वहां उसके साथ यौन शोषण किया।


2017 में भी सामने आई थी यही सच्चाई

यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तानी मदरसों में यौन शोषण का मामला सामने आया है। 2017 में एसोसिएटेड प्रेस की एक जांच में भी यह उजागर हुआ था कि मौलवी और मदरसों में काम करने वाले अन्य लोग बच्चों के साथ दरिंदगी कर रहे हैं।


सरकार की चुप्पी और कार्रवाई की कमी

पाकिस्तान सरकार की चुप्पी और पुलिस की निष्क्रियता इस मामले को और भी भयावह बनाती है। ज्यादातर मामले दर्ज नहीं होते और कई बार पीड़ितों पर दबाव डालकर उन्हें चुप करा दिया जाता है। हाल ही में पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में एक गैर-पंजीकृत मदरसे में दो मौलवियों को यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।


क्या मौलवियों को राजनीतिक संरक्षण मिला है?

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मदरसों के छात्रों को देश की रक्षा की "दूसरी पंक्ति" करार दिया था। इससे यह संकेत मिलता है कि मौलवियों और मदरसों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिससे इन संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करना लगभग नामुमकिन हो गया है.