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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का भाषण बना सोशल मीडिया पर मजाक का विषय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का संयुक्त राष्ट्र में दिया गया भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। भाषण के दौरान उन्होंने कई शब्दों का गलत उच्चारण किया, जिससे वह चर्चा का विषय बन गए। नेटिज़न्स ने उनकी गलतियों का मजाक उड़ाया है, और कई यूज़र्स ने इस पर चुटकी ली है। आसिफ ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में भी बात की, लेकिन उनके वाक्य स्पष्ट नहीं थे। जानिए इस दिलचस्प घटना के बारे में और क्या कहा गया।
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का भाषण बना सोशल मीडिया पर मजाक का विषय

ख्वाजा आसिफ का UN में भाषण

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ: संयुक्त राष्ट्र में ख्वाजा आसिफ का भाषण सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया है। 'AI इनोवेशन डायलॉग' के दौरान उन्होंने कई शब्दों का गलत उच्चारण किया और वाक्यों में अटकते रहे। इस बैठक की अध्यक्षता संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने की थी, जहां आसिफ की गलतियों ने चर्चा का विषय बना दिया।


नेटिज़न्स के अनुसार, उन्होंने कम से कम सात बार गलतियाँ की। भाषण के दौरान 'breathtaking pace' के बजाय 'breathtaking space' कहा, 'risk' को 'riks' बोला और 'development' की जगह 'developend' कह दिया।



ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी


आसिफ ने यह भी कहा कि यदि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए वैश्विक स्तर पर नियम और सुरक्षा मानक नहीं बनाए गए, तो यह डिजिटल खाई को और बढ़ा सकता है और विश्व शांति के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। हालांकि, इस दौरान भी उनके कई शब्द गलत हो गए। भारत-पाकिस्तान तनाव और मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में भी आसिफ अपनी बात स्पष्ट रूप से नहीं रख पाए। उन्होंने कहा कि हालिया संघर्ष में पहली बार एआई-आधारित हथियारों का उपयोग हुआ, लेकिन उनके वाक्य स्पष्ट नहीं थे।


सोशल मीडिया पर मजाक


सोशल मीडिया पर लोग इस पर मजाक बना रहे हैं। एक यूज़र ने लिखा, 'ऑपरेशन सिंदूर ने इन्हें हिला कर रख दिया है।' वहीं दूसरे ने कहा, 'ये एक वाक्य भी ठीक से नहीं बोल सकते।' एक और यूज़र ने बॉलीवुड स्टाइल में चुटकी ली, 'अरे कहना क्या चाहते हो?' उल्लेखनीय है कि भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसमें सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में कई आतंकी ढांचों को ध्वस्त किया था। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी।