पाकिस्तान के विदेश मंत्री की बांग्लादेश यात्रा: रिश्तों में नई चुनौतियाँ
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार की बांग्लादेश यात्रा ने कई नई चुनौतियों को उजागर किया है। युनूस ने पाकिस्तान से 1971 के नरसंहार के लिए माफी और 4 बिलियन डॉलर के मुआवजे की शर्तें रखी हैं। इसके अलावा, द्विपक्षीय संबंधों को सार्क के माध्यम से पुनर्जीवित करने की बात भी की गई है। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना है, लेकिन क्या यह संभव होगा? जानिए पूरी कहानी में।
Aug 27, 2025, 20:11 IST
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पाकिस्तान का विदेश मंत्री बांग्लादेश पहुंचा
13 वर्षों के बाद, पाकिस्तान का कोई विदेश मंत्री बांग्लादेश की धरती पर कदम रखा। इस यात्रा से उम्मीद थी कि शेख हसीना के जाने के बाद मोहम्मद युनूस के साथ संबंध और मजबूत होंगे। लेकिन जब इशाक डार वहां पहुंचे, तो युनूस ने मिलने का समय नहीं दिया। एक दिन इंतजार करने के बाद, युनूस ने अपनी असंतोष व्यक्त किया। उन्हें यह नहीं पसंद है कि दुनिया यह समझे कि वे भारत के खिलाफ जाकर पाकिस्तान के करीब आ रहे हैं। अंततः युनूस ने मिलने का समय दिया, लेकिन कुछ शर्तें भी रखीं। पहली शर्त थी कि 1971 के नरसंहार के लिए पाकिस्तान को औपचारिक माफी मांगनी होगी। दूसरी शर्त के तहत, 4 बिलियन डॉलर का मुआवजा देना होगा, जो उस समय हुए नुकसान के लिए है। इसके अलावा, युनूस ने यह भी कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के संबंध द्विपक्षीय नहीं, बल्कि सार्क के माध्यम से पुनर्जीवित होने चाहिए।
सार्क का महत्व
सार्क का नाम सुनते ही भारत, अफगानिस्तान, नेपाल और श्रीलंका जैसे देशों का ध्यान आकर्षित होता है। इन सभी देशों के साथ भारत के अच्छे संबंध हैं। बांग्लादेश की सरकार ने पाकिस्तान को स्पष्ट संकेत दिया है कि वे भारत के खिलाफ किसी भी प्रकार का समर्थन नहीं देंगे। बांग्लादेश को यह भी समझ है कि पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ कोई मदद नहीं मिलेगी। इस यात्रा का मुख्य निष्कर्ष यह रहा कि ढाका और इस्लामाबाद के बीच एक डायरेक्ट फ्लाइट की योजना है। फ्री वीजा का प्रस्ताव भी रखा गया था, लेकिन इस पर अभी चर्चा नहीं हुई है।
डार की यात्रा का समय
डार की यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब पिछले साल छात्रों के नेतृत्व में हुए आंदोलन के बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था। बांग्लादेश के विदेश सचिव असद आलम सियाम ने ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर डार का स्वागत किया। हिना रब्बानी खार नवंबर 2012 में ढाका जाने वाली पाकिस्तान की आखिरी विदेश मंत्री थीं। उन्होंने उस समय की प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्लामाबाद में होने वाले शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया था। डार को अप्रैल में बांग्लादेश की यात्रा पर जाना था, लेकिन पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत के साथ तनाव के कारण इसे टालना पड़ा।