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पाकिस्तान को आतंकवाद पर निगरानी का जिम्मा: संयुक्त राष्ट्र की नई भूमिका

पाकिस्तान को आतंकवाद पर निगरानी का जिम्मा सौंपने के बाद, संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में, पाकिस्तान को UNSC की 1988 तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि भारत ने पाकिस्तान के आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने के रिकॉर्ड पर चिंता व्यक्त की है। जानें इस मुद्दे की पूरी कहानी और इसके पीछे की राजनीति।
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पाकिस्तान को आतंकवाद पर निगरानी का जिम्मा: संयुक्त राष्ट्र की नई भूमिका

पाकिस्तान की नई जिम्मेदारी

दुनिया भर में आतंकवाद के प्रमुख स्रोत के रूप में पहचाने जाने वाले पाकिस्तान को हाल ही में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से सहायता मिली है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को करोड़ों डॉलर का कर्ज दिया है, और अब एशियाई विकास बैंक ने भी 80 करोड़ डॉलर के पैकेज को मंजूरी दी है। चीन ने पहले ही पाकिस्तान को कई बार कर्ज दिया है। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान को महत्वपूर्ण समितियों की अध्यक्षता सौंपकर एक विवादास्पद कदम उठाया है। यह अजीब है कि जिस देश में आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया जाता है, उसे तालिबान की गतिविधियों पर नजर रखने का कार्य सौंपा गया है। यह स्थिति संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है।


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की नई संरचना

पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1988 तालिबान प्रतिबंध समिति का 2025 के लिए अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह समिति उन व्यक्तियों और संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का कार्य करती है जो तालिबान से जुड़े हैं और अफगानिस्तान में शांति के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं। इस समिति के उपाध्यक्ष के रूप में गुयाना और रूस कार्य करेंगे।


पाकिस्तान की अन्य भूमिकाएँ

इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान 1373 काउंटर-टेररिज़्म समिति का उपाध्यक्ष भी होगा, जिसकी अध्यक्षता अल्जीरिया करेगा। इस समिति में फ्रांस और रूस भी उपाध्यक्ष के रूप में शामिल होंगे। पाकिस्तान "डॉक्यूमेंटेशन और प्रक्रिया संबंधी प्रश्नों" और "सामान्य प्रतिबंध मामलों" पर अनौपचारिक कार्य समूहों का सह-अध्यक्ष भी होगा।


भारत की चिंताएँ

भारत ने 2022 में काउंटर-टेररिज़्म समिति की अध्यक्षता की थी और पाकिस्तान के आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने के रिकॉर्ड पर चिंता व्यक्त की है। भारत ने ओसामा बिन लादेन के मामले को भी उठाया है, जिसे 2011 में पाकिस्तान में मारा गया था।


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की संरचना

वर्तमान सुरक्षा परिषद में पाँच स्थायी सदस्य हैं: चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका। इसके अलावा, दस गैर-स्थायी सदस्य हैं, जिनमें पाकिस्तान भी शामिल है। हाल ही में हुए चुनावों में पाँच नए गैर-स्थायी सदस्य चुने गए हैं।


आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम

हालांकि, आतंकवाद के खिलाफ सभी देश बातें तो करते हैं, लेकिन ठोस कदम उठाने में हिचकिचाते हैं। यही कारण है कि दुनिया आतंकवाद से पूरी तरह मुक्त नहीं हो पा रही है।