पाकिस्तान को चीन से दूसरा बड़ा झटका: हाइपरसोनिक मिसाइल डील पर इनकार

चीन-पाकिस्तान मिसाइल सौदे में नया मोड़
China Pakistan Missile Deal: पाकिस्तान को हाल ही में चीन से एक और बड़ा झटका लगा है। जेट-35 फाइटर डील के असफल होने के बाद, बीजिंग ने अब इस्लामाबाद को हाइपरसोनिक मिसाइल और संबंधित तकनीक देने से भी मना कर दिया है। इस निर्णय ने पाकिस्तान की रक्षा नीति और भारत के साथ मुकाबले की संभावनाओं को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
चीन का स्पष्ट इनकार
सूत्रों के अनुसार, चीन ने स्पष्ट किया है कि उसकी हाइपरसोनिक मिसाइलें केवल घरेलू उपयोग के लिए हैं और उनका कोई निर्यात संस्करण नहीं है। भारत की बढ़ती सैन्य ताकत के कारण पाकिस्तान की उम्मीदें इस दोहरी असफलता से चूर हो गई हैं।
पाकिस्तान की चिंताएँ
पाकिस्तान लंबे समय से चाहता था कि चीन उसे हाइपरसोनिक मिसाइलें प्रदान करे, ताकि वह भारत की उन्नत मिसाइल तकनीकों का मुकाबला कर सके। भारत ने हाल के वर्षों में कई हाइपरसोनिक और बैलिस्टिक सिस्टम विकसित किए हैं, जिससे पाकिस्तान की चिंताएँ बढ़ गई हैं।
चीन की सुरक्षा चिंताएँ
सूत्रों के अनुसार, चीन अपनी DF-17 जैसी मिसाइलों को अमेरिका और पश्चिमी देशों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण हथियार मानता है। बीजिंग को डर है कि अगर ये तकनीक पाकिस्तान को दी गई, तो पश्चिमी देशों की खुफिया एजेंसियाँ इसका विश्लेषण कर सकती हैं।
पाकिस्तान के लिए रणनीतिक झटका
चीन के इस निर्णय ने पाकिस्तान की मिसाइल क्षमताओं को गंभीर नुकसान पहुँचाया है। अब पाकिस्तान के लिए भारत के समान तेजी से अपनी क्षमताओं को विकसित करना संभव नहीं दिखता। यह स्थिति पाकिस्तान को यह समझाने के लिए काफी है कि चीन की प्राथमिकता उसकी खुद की सुरक्षा और सामरिक बढ़त है।