पाकिस्तान ने UNSC की अध्यक्षता संभालते ही कश्मीर मुद्दा उठाया

पाकिस्तान की UNSC अध्यक्षता और कश्मीर विवाद
न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की जुलाई महीने की अध्यक्षता ग्रहण करते ही पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अपने पुराने रुख को फिर से अपनाना शुरू कर दिया है। गैर-स्थायी सदस्य के रूप में अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान मिली इस जिम्मेदारी के पहले ही दिन, पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाकर अपने असली इरादे स्पष्ट कर दिए हैं।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि और सुरक्षा परिषद के नए अध्यक्ष, असीम इफ्तिखार अहमद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कश्मीर विवाद के त्वरित समाधान की मांग की। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि कश्मीर पर लंबे समय से लंबित प्रस्तावों को लागू किया जाए, ताकि इस विवाद का समाधान हो सके।
न्यूयॉर्क में मीडिया से बात करते हुए अहमद ने कहा, "पाकिस्तान ने पूरी जिम्मेदारी और दृढ़ विश्वास के साथ यह अध्यक्षता संभाली है। हमारा दृष्टिकोण संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान पर आधारित है।"
हालांकि, उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए भारत को सीधे निशाना बनाया और कहा, "सुरक्षा परिषद, विशेषकर इसके स्थायी सदस्यों का यह दायित्व है कि वे अपने प्रस्तावों को लागू करना सुनिश्चित करें। यह केवल पाकिस्तान का बोझ नहीं है। इस मुद्दे को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि इससे भारत और पाकिस्तान के बीच गंभीर तनाव बना हुआ है और इसका क्षेत्रीय शांति व मानवाधिकारों पर गहरा असर पड़ता है।"
पाकिस्तान का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वह जनवरी 2025 से शुरू हुए अपने दो वर्षीय कार्यकाल के तहत परिषद की अध्यक्षता कर रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान इस एक महीने की अध्यक्षता का उपयोग अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर मुद्दे को बार-बार उठाकर भारत पर कूटनीतिक दबाव बनाने की कोशिश करेगा।