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पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर में हुए नुकसान को स्वीकार किया

पाकिस्तान ने हाल ही में भारत के ऑपरेशन सिंदूर के तहत हुए हवाई हमलों में हताहतों की संख्या को स्वीकार किया है। इस ऑपरेशन में 50 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें 13 सैन्यकर्मी शामिल हैं। यह हमले जम्मू-कश्मीर में हुए एक आतंकवादी हमले का प्रतिशोध थे। जानें इस ऑपरेशन के बारे में और पाकिस्तान के सैन्यकर्मियों को मिले सम्मान के बारे में।
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पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर में हुए नुकसान को स्वीकार किया

पाकिस्तान ने हवाई हमलों के परिणामों को माना

भारत द्वारा 7 मई को आतंकवादी ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों के तीन महीने बाद, पाकिस्तान ने अंततः ऑपरेशन सिंदूर में हुए नुकसान को स्वीकार किया है। सीएनएन-न्यूज18 के अनुसार, पाकिस्तानी अधिकारियों ने 50 से अधिक हताहतों की पुष्टि की है, जिनमें 13 सैन्यकर्मी शामिल हैं।


रिपोर्ट के अनुसार, 7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर तड़के हवाई हमले किए। ये हमले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले का प्रतिशोध थे, जिसमें 26 पर्यटकों की जान गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी। भारतीय सरकार ने दावा किया था कि ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए और कई महत्वपूर्ण आतंकवादी ठिकाने नष्ट कर दिए गए।


भोलारी हवाई अड्डे पर हमले में सैन्यकर्मी की मौत


पाकिस्तान ने स्वतंत्रता दिवस (14 अगस्त) के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में मारे गए सैन्यकर्मियों को सम्मानित किया। इस दौरान स्क्वाड्रन लीडर उस्मान यूसुफ को मरणोपरांत तमगा-ए-बसालत से सम्मानित किया गया, जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भोलारी हवाई अड्डे पर भारत के हमले में मारे गए थे। इसके अलावा, नूर खान, सरगोधा, जैकोबाबाद, भोलारी और शोरकोट हवाई अड्डों पर कई अन्य सैन्यकर्मी घायल हुए।


अमेरिकी तकनीशियनों को भी हुआ नुकसान


सूत्रों के अनुसार, नूर खान हवाई अड्डे पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कई अमेरिकी तकनीशियन भी घायल हुए। यह जानकारी पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन में आयोजित वार्षिक पुरस्कार समारोह के दौरान सामने आई।


मरणोपरांत सम्मानित सैन्यकर्मी


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मारे गए सैन्यकर्मियों को सम्मानित किया। मरणोपरांत तमगा-ए-बसालत से सम्मानित होने वालों में स्क्वाड्रन लीडर उस्मान यूसुफ, हवलदार मुहम्मद नवीद, नाइक वकार खालिद और लांस नाइक दिलावर खान शामिल थे। तमगा-ए-जुर्रत से सम्मानित होने वालों में नाइक अब्दुल रहमान, लांस नाइक इकरामुल्लाह और सिपाही आदिल अकबर शामिल थे।