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पाकिस्तान ने डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया

पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करने का निर्णय लिया है। यह घोषणा जनरल असीम मुनीर और ट्रंप के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद की गई। इस कदम को पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों में एक नया मोड़ माना जा रहा है, खासकर जब पाकिस्तान आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। इस नामांकन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आने की संभावना है, जिससे यह विषय वैश्विक चर्चा का केंद्र बन गया है।
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पाकिस्तान ने डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया

पाकिस्तान का ऐतिहासिक कदम

पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करने का एक अप्रत्याशित निर्णय लिया है। यह घोषणा पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और ट्रंप के बीच वाशिंगटन में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के तुरंत बाद की गई। 21 जून, 2025 को आई इस खबर ने अंतरराष्ट्रीय राजनयिक हलकों में हलचल मचा दी है।


पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप को उनके "क्षेत्रीय शांति और स्थिरता" के प्रयासों के लिए नामांकित किया गया है। इस बयान में विशेष रूप से मध्य पूर्व में तनाव को कम करने और अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी में उनकी भूमिका की सराहना की गई है, जिसे पाकिस्तान "वैश्विक शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम" मानता है।


विश्लेषकों का मानना है कि जनरल मुनीर और ट्रंप के बीच हुई यह बैठक दोनों देशों के संबंधों में एक नई दिशा का संकेत देती है, और यह नोबेल नामांकन उसी का परिणाम है। इस लंच को पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है, खासकर जब पाकिस्तान आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर रहा है।


यह कदम पाकिस्तान द्वारा अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूत करने और वैश्विक मंच पर अपनी छवि को सुधारने के एक बड़े प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। पाकिस्तान, जो अक्सर अपने आंतरिक मुद्दों और आतंकवाद से संबंधित चिंताओं के कारण अंतरराष्ट्रीय दबाव में रहता है, इस नामांकन के माध्यम से अमेरिका के साथ अपने संबंधों को फिर से परिभाषित करने की कोशिश कर रहा है।


इस नामांकन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आने की संभावना है, विशेषकर उन देशों से जो ट्रंप की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। फिर भी, पाकिस्तान का यह कदम निश्चित रूप से वैश्विक मंच पर चर्चा का विषय बन गया है।