Newzfatafatlogo

पाकिस्तान में PoK के विरोध का असर: कराची से इस्लामाबाद तक प्रदर्शन की लहर

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में भड़के विरोध ने अब पूरे पाकिस्तान में प्रदर्शन की लहर पैदा कर दी है। कराची और इस्लामाबाद जैसे बड़े शहरों में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। इस्लामाबाद के नेशनल प्रेस क्लब में पुलिस द्वारा वकीलों और पत्रकारों पर किए गए हमले ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हुए कई मांगें की हैं। जानें इस आंदोलन की जड़ें और इसके बढ़ते प्रभाव के बारे में।
 | 
पाकिस्तान में PoK के विरोध का असर: कराची से इस्लामाबाद तक प्रदर्शन की लहर

POK में भड़का विरोध

POK विरोध: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में शुरू हुआ विरोध अब पूरे पाकिस्तान में फैलता जा रहा है। कराची और इस्लामाबाद जैसे प्रमुख शहरों में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। स्थिति तब और बिगड़ गई जब पुलिस ने इस्लामाबाद के नेशनल प्रेस क्लब में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे वकीलों और पत्रकारों पर हमला किया। यह घटना 2 अक्टूबर को हुई, जब PoK में पुलिस की फायरिंग में कम से कम 12 नागरिकों की जान चली गई थी.


इस्लामाबाद प्रेस क्लब पर पुलिस का हमला

गुरुवार को इस्लामाबाद के नेशनल प्रेस क्लब के बाहर जम्मू-कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (JKJAAC) से जुड़े वकील शांतिपूर्ण धरना दे रहे थे। अचानक पुलिस ने उन पर हमला कर दिया और वकीलों को खदेड़ते हुए प्रेस क्लब के अंदर घुस गई। वहां मौजूद पत्रकारों और अन्य प्रदर्शनकारियों को भी बर्बर लाठीचार्ज का सामना करना पड़ा.


कराची में भी प्रदर्शन

अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, JKJAAC ने कराची में भी विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी सरकार से जवाबदेही की मांग करते हुए 12 विधानसभा सीटों को खत्म करने की मांग की, जो भारतीय जम्मू-कश्मीर से आए शरणार्थियों के लिए आरक्षित हैं.


बड़े आंदोलन में बदलता विरोध

PoK में यह विरोध मूल रूप से सरकार द्वारा 38 महत्वपूर्ण मांगों को पूरा न करने के कारण शुरू हुआ था। लेकिन अब यह आंदोलन सेना के कथित अत्याचारों और राजनीतिक विशेषाधिकारों के खिलाफ बड़े जनांदोलन में बदल गया है. क्षेत्र पूरी तरह से ठप हो चुका है और लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ रहा है.


बातचीत विफल, आंदोलन जारी

हाल ही में अवामी एक्शन कमेटी (AAC) और पाकिस्तानी सरकार तथा PoK प्रशासन के बीच लंबी बातचीत हुई, लेकिन यह वार्ता बेनतीजा रही। AAC नेताओं ने स्पष्ट कहा कि वे विशेषाधिकार और शरणार्थी सीटें खत्म करने के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेंगे.