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पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के बीच नया गठजोड़ उभरता हुआ

पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के बीच एक नया गठजोड़ उभर रहा है, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा और इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत शामिल हैं। यह गठबंधन पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस द्वारा बलूचिस्तान में स्थापित किया गया है। हाल ही में एक तस्वीर में, आईएसकेपी के समन्वयक मीर शफीक मेंगल ने लश्कर के कमांडर को पिस्तौल भेंट की, जो दोनों समूहों के बीच औपचारिक सहयोग का संकेत है। इस स्थिति ने पाकिस्तान के बढ़ते आतंकी नेटवर्क को लेकर चिंताएँ बढ़ा दी हैं।
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पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के बीच नया गठजोड़ उभरता हुआ

पाकिस्तान में आतंकवाद का नया चेहरा

पाकिस्तान में आतंकवादियों का एक नया गठजोड़ तेजी से विकसित हो रहा है। लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) के बीच एक गुप्त सहयोग, बलूचिस्तान में पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) द्वारा स्थापित किया गया है। यह गठबंधन इस्लामाबाद के चरमपंथी संगठनों के बीच बढ़ते संबंधों को उजागर करता है। हाल ही में एक तस्वीर में, बलूचिस्तान में आईएसकेपी के समन्वयक मीर शफीक मेंगल, लश्कर-ए-तैयबा के वरिष्ठ कमांडर राणा मोहम्मद अशफाक को एक पिस्तौल भेंट करते हुए दिखाई दिए, जो दोनों समूहों के बीच औपचारिक सहयोग का संकेत है। 


पाकिस्तानी सेना की आतंकवादियों के साथ नीति

पाकिस्तानी सेना की आतंकवादियों का सहारा लेने की दीर्घकालिक नीति अब भी जारी है, और आईएसकेपी हाइब्रिड युद्ध के एक नए उपकरण के रूप में उभर रहा है। इस्लामी दुनिया में दाएश के रूप में निंदा किए जाने वाले आईएसकेपी को अब पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान द्वारा बलूच राष्ट्रवादियों और तालिबान शासन के भीतर उन तत्वों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जो इस्लामाबाद के नियंत्रण का विरोध करते हैं। आईएसकेपी की प्रचार पत्रिका यलगार के हालिया अंकों में भारतीय कश्मीर में अपनी गतिविधियों को बढ़ाने की खतरनाक मंशा का संकेत मिलता है, जो पाकिस्तान के गहरे राज्य द्वारा प्रोत्साहित एक समन्वित कदम प्रतीत होता है। 


लश्कर-ए-तैयबा का विस्तार

लश्कर-ए-तैयबा के वर्तमान नाज़िम-ए-आला, राणा मोहम्मद अशफाक, पूरे पाकिस्तान में इस समूह के विस्तार और नए प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की देखरेख कर रहे हैं। मेंगल के साथ उनकी नई उभरती छवि ने पाकिस्तान के बढ़ते आतंकी नेटवर्क को लेकर चिंताएँ बढ़ा दी हैं। बलूचिस्तान के पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री नासिर मेंगल के बेटे मीर शफीक मेंगल लंबे समय से आईएसआई के महत्वपूर्ण सदस्य रहे हैं और उन्होंने बलूच राष्ट्रवादियों को निशाना बनाने वाले एक निजी मौत दस्ते की कमान संभाली है।