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पाकिस्तान में आत्मघाती हमले में 13 सैनिक शहीद, 30 से अधिक घायल

पाकिस्तान के मीर अली में एक आत्मघाती हमले ने 13 सैनिकों की जान ले ली और 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से जुड़े एक समूह ने ली है। विस्फोट की तीव्रता ने आसपास के घरों को भी नुकसान पहुंचाया। जानें इस घटना के पीछे की वजह और पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवाद के बारे में।
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मीर अली में आत्मघाती हमला

सुबह लगभग 7:40 बजे मीर अली के खादी मार्केट क्षेत्र में एक आत्मघाती हमले की घटना हुई। इस हमले में एक तेज़ गति से आ रही गाड़ी ने बम-निरोधक ड्यूटी पर तैनात सैन्य एमआरएपी वाहन को टक्कर मारी। इस विस्फोट में 13 पाकिस्तानी सैनिक शहीद हो गए और 30 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। स्थिति को अत्यंत गंभीर बताया गया है।


स्थानीय पुलिस अधिकारियों के अनुसार, विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि आस-पास के दो घरों की छतें भी गिर गईं। इनमें छह बच्चे और कई महिलाएं प्रभावित हुई हैं। प्राथमिक उपचार के बाद कई घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़े एक समूह उसूद-उल-हर्ब ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। पुलिस का कहना है कि आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक से भरी गाड़ी को सेना के काफिले में घुसा दिया। उस समय सैन्य वाहन एक ईओडी (इम्प्रूवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) यूनिट की थी, जो इलाके में सुरक्षा जांच कर रही थी।


विशेषज्ञों के अनुसार, यह हमला पाकिस्तान में आतंकवाद की बढ़ती गंभीरता को दर्शाता है। हाल के दिनों में खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है। इस वर्ष मार्च में पाकिस्तानी सेना ने टीटीपी के 10 संदिग्ध आतंकवादियों को मार गिराने का दावा किया था। बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने भी मार्च में गुडालार के पास जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला किया था, जिसमें 21 यात्रियों और चार अर्धसैनिक बलों के जवानों की जान गई थी।