पाकिस्तान में इमरान खान की रिहाई के लिए PTI का अचानक आंदोलन: क्या है सियासी मंशा?

पाकिस्तान की सियासत में हलचल
पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति में एक बार फिर से हलचल देखने को मिल रही है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर उनकी पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI), ने समय से पहले ही एक देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत कर दी है। यह आंदोलन लाहौर से अचानक शुरू हुआ है, जिससे राजनीतिक तापमान में वृद्धि हुई है और सुरक्षा एजेंसियां पूरे शहर में हाई अलर्ट पर हैं.
आंदोलन की असामयिक शुरुआत
हालांकि, PTI ने पहले 5 अगस्त को आंदोलन की योजना बनाई थी, लेकिन पिछले सप्ताहांत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने लाहौर में एकत्र होकर औपचारिक रूप से 'रिहाई इमरान खान आंदोलन' का आगाज कर दिया। इस अप्रत्याशित शुरुआत ने पाकिस्तान की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है.
आंदोलन की घोषणा
शनिवार की रात, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री और PTI के वरिष्ठ नेता अली अमीन गंडापुर अन्य नेताओं के साथ लाहौर पहुंचे और 'रिहाई इमरान खान आंदोलन' की शुरुआत की घोषणा की। उन्होंने कहा कि लाहौर से शुरू होने वाला कोई भी आंदोलन पूरे देश में सफल होता है और इस बार भी ऐसा ही होगा। गंडापुर ने पार्टी कार्यकर्ताओं से 5 अगस्त तक इस आंदोलन को अपने चरम पर ले जाने की अपील की है, जिससे यह स्पष्ट है कि PTI इस बार सरकार और सेना पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है.
पुलिस की सतर्कता और गिरफ्तारियां
PTI के आंदोलन की जानकारी मिलते ही लाहौर और पूरे पंजाब में पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। रिपोर्टों के अनुसार, प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने पहले से ही कार्रवाई शुरू कर दी है। रविवार को पार्टी प्रवक्ताओं ने दावा किया कि लाहौर में 20 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है, जो नेताओं का स्वागत करने के लिए इकट्ठा हो रहे थे.
शहबाज सरकार पर दबाव
PTI के नेता लाहौर के रायविंड क्षेत्र में शहबाज शरीफ परिवार के निवास के पास डेरा डाले हुए हैं और वहीं से आंदोलन की रणनीति तैयार की जा रही है। गंडापुर ने स्थानीय कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह आंदोलन पूरे पाकिस्तान को हिला देगा और सरकार को झुकने पर मजबूर करेगा.
इमरान खान की कानूनी लड़ाई
72 वर्षीय इमरान खान पिछले साल अगस्त से जेल में हैं। उनके खिलाफ कई कानूनी मामले चल रहे हैं, जिनके बारे में पार्टी का कहना है कि ये सभी राजनीतिक प्रतिशोध के तहत किए गए हैं ताकि चुनावों से पहले उन्हें अलग-थलग किया जा सके। PTI लगातार यह दावा कर रही है कि इमरान खान के बिना देश में निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं.
आंदोलन की भविष्यवाणी
अब जब आंदोलन ने अचानक गति पकड़ ली है, राजनीतिक विश्लेषकों को पाकिस्तान में आने वाले दिनों में टकराव और अशांति की आशंका है। पार्टी का लक्ष्य स्पष्ट है - इमरान खान की रिहाई और जल्द चुनाव.