पाकिस्तान में टीटीपी का घातक हमला: 12 सैनिकों की जान गई

पाकिस्तान आर्मी पर आतंकवादी हमला
पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में आतंकवादी हमला: शनिवार की सुबह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने एक गंभीर हमला किया, जिसमें कम से कम 12 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हुए। प्रशासन और सुरक्षा अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की है। जानकारी के अनुसार, यह हमला दक्षिण वजीरिस्तान जिले में सुबह लगभग चार बजे हुआ, जब सेना का एक काफिला इलाके से गुजर रहा था।
आतंकियों की घातक फायरिंग
भारी हथियारों से हमला:
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, आतंकवादियों ने अचानक भारी हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी। सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की, लेकिन उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा। मारे गए सैनिकों के अलावा चार अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। हमलावरों ने सेना का हथियार-सामान भी लूट लिया और सुरक्षित स्थानों की ओर भाग गए।
टीटीपी ने जिम्मेदारी ली
हमले की जिम्मेदारी:
इस हमले की जिम्मेदारी टीटीपी ने स्वयं ली है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हाल के महीनों में यह सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। इस क्षेत्र में पहले तालिबान का प्रभाव था, जिसे 2014 में पाकिस्तानी सेना के बड़े सैन्य अभियान के बाद समाप्त कर दिया गया था। लेकिन 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद से पाकिस्तान में हिंसा फिर से बढ़ी है।
अफगानिस्तान से बढ़ता तनाव
आतंकियों की गतिविधियों पर पाकिस्तान का आरोप:
पाकिस्तान का आरोप है कि अफगान तालिबान अपने क्षेत्र में सक्रिय आतंकियों को रोकने में असफल रहा है, जिससे टीटीपी को मदद मिलती है। हालांकि, काबुल प्रशासन इन आरोपों को बार-बार खारिज करता रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों गुटों के बीच गहरे रिश्ते हैं, जो पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चुनौती बन रहे हैं।
लोगों में डर का माहौल
टीटीपी के नारे और पोस्टर:
हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा के कई जिलों में टीटीपी के नारे और पोस्टर देखे गए हैं, जिससे आम नागरिकों में डर का माहौल बन गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में टीटीपी के लड़ाकों की गतिविधियों और हमलों में तेजी आई है।
बढ़ते आंकड़े चिंता का विषय
आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि:
एएफपी के आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से अब तक खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में लगभग 460 लोग आतंकवादी घटनाओं में मारे गए हैं, जिनमें अधिकांश सुरक्षा बलों के जवान शामिल हैं। एक शोध संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 पाकिस्तान के लिए एक दशक का सबसे खतरनाक साल रहा, जब 1,600 से अधिक लोग हिंसा में मारे गए, जिनमें आधे से अधिक सैनिक और पुलिसकर्मी थे।