पाकिस्तान में तालिबान का घातक हमला, 12 सैनिकों की मौत

पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम में हमला
नई दिल्ली। पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में शनिवार की सुबह पाकिस्तानी तालिबान (TTP) ने एक गंभीर हमला किया। इस हमले में कम से कम 12 सैनिकों की जान चली गई, जबकि चार अन्य घायल हुए हैं। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की है। जानकारी के अनुसार, यह हमला दक्षिण वजीरिस्तान जिले में सुबह लगभग 4 बजे हुआ, जब सेना का एक काफिला वहां से गुजर रहा था।
स्थानीय सरकारी अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें 12 सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई और चार घायल हुए। हमलावर मौके से सेना का सामान भी लेकर भाग गए। इलाके के सुरक्षा प्रभारी ने भी हताहतों की संख्या की पुष्टि करते हुए कहा कि यह हमला बहुत योजनाबद्ध और तीव्र था।
टीटीपी ने लिया हमले की जिम्मेदारी
TTP ने ली जिम्मेदारी
इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली है। हाल के महीनों में यह हमला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सबसे घातक घटनाओं में से एक माना जा रहा है। टीटीपी ने पहले इस क्षेत्र में मजबूत उपस्थिति बनाई थी, लेकिन 2014 में पाकिस्तानी सेना के बड़े अभियान के बाद उन्हें पीछे हटना पड़ा था। हालांकि, अफगानिस्तान में 2021 में तालिबान की वापसी के बाद से सीमावर्ती इलाकों में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी जा रही है।
अफगानिस्तान से बढ़ता तनाव
अफगानिस्तान से तनाव
हालांकि टीटीपी और अफगान तालिबान अलग-अलग संगठन हैं, लेकिन दोनों के बीच घनिष्ठ संबंध माने जाते हैं। पाकिस्तान लगातार यह आरोप लगाता रहा है कि अफगानिस्तान अपनी जमीन पर सक्रिय आतंकियों को खत्म करने में असफल रहा है, जो बाद में पाकिस्तान में हमले करते हैं। वहीं, काबुल प्रशासन इन आरोपों का खंडन करता रहा है।
बढ़ती आशंकाएं
बढ़ी आशंका
हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा के कई जिलों में टीटीपी के नाम के पोस्टर और नारे दीवारों पर दिखाई दिए हैं, जिससे आम नागरिकों में भय और यह आशंका बढ़ी है कि कहीं फिर से वह दौर न लौट आए जब तालिबान ने इस क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया था। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में टीटीपी लड़ाकों की गतिविधियों और हमलों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।
बढ़ती हिंसा के आंकड़े
बढ़ती हिंसा के आंकड़े
एएफपी के रिकॉर्ड के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से अब तक खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में लगभग 460 लोग आतंकवादी हमलों में मारे गए हैं, जिनमें अधिकांश सुरक्षा बलों के जवान शामिल हैं। इस्लामाबाद स्थित सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज के अनुसार, पिछले वर्ष पाकिस्तान ने लगभग एक दशक की सबसे घातक अवधि का सामना किया, जब 1,600 से अधिक लोग हिंसा में मारे गए, जिनमें से लगभग आधे सैनिक और पुलिसकर्मी थे।