पाकिस्तान में बाढ़ का कहर: भारत के जल प्रबंधन का असर

पाकिस्तान में बाढ़ की स्थिति
पाकिस्तान में हालात गंभीर हैं, जहां हिंदुस्तान के जल प्रबंधन के कारण बाढ़ ने कहर बरपा रखा है। पंजाब क्षेत्र में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, और वहां के अधिकारी लगातार चेतावनियाँ जारी कर रहे हैं। भारत ने सतलुज, व्यास और रावी नदियों का पानी छोड़ना शुरू कर दिया है, जिससे पाकिस्तान में बाढ़ की स्थिति और भी बिगड़ गई है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, हाल ही में हुई भारी बारिश और बाढ़ के कारण पाकिस्तान में 72 लोगों की जान चली गई है और 130 से अधिक लोग घायल हुए हैं। पिछले महीने स्वात नदी में एक परिवार के 17 सदस्यों के बह जाने के बाद से आपातकालीन सेवाएँ पूरी तरह से सक्रिय हैं। चार लोगों को बचा लिया गया, जबकि अन्य 13 के शव बाद में मिले।
आपातकालीन सेवाओं की प्रतिक्रिया
परिवार के सदस्यों के छत पर फंसे होने के वीडियो वायरल होने के बाद, लोगों में आक्रोश फैल गया है और आपातकालीन सेवाओं की धीमी प्रतिक्रिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं। 26 जून से अब तक कई प्रांतों में मौतें हुई हैं, जिनमें खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान शामिल हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने स्थानीय अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने और पर्यटकों को प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी है।
भविष्य की चेतावनी
अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि 2022 की विनाशकारी बाढ़ जैसी स्थिति फिर से उत्पन्न हो सकती है, जब भारी बारिश ने देश के एक तिहाई हिस्से को जलमग्न कर दिया था। इस बार भी बारिश हो रही है और गेट खोल दिए गए हैं। पंजाब में बाढ़ की स्थिति को लेकर नोटिस जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि फरीदकोट के पास नदियों के पानी को रोका जा सकता है।
भारत का जल प्रबंधन
सिंधु जल संधि के तहत भारत का इन नदियों पर नियंत्रण है। भारत ने पानी को रोककर इसे विभिन्न राज्यों में भेजने की प्रक्रिया जारी रखी है। हालाँकि, इस बार बिना सूचना के गेट खोले गए हैं, जिससे पाकिस्तान में जल संकट और बढ़ सकता है।