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पाकिस्तान में बाढ़ का कहर: मानसून ने ली 657 जानें, खतरा बढ़ता जा रहा है

पाकिस्तान में मानसून की बारिश ने भयंकर तबाही मचाई है, जिसमें 657 लोगों की जान जा चुकी है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जहां मकान गिरने और बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। अन्य प्रांतों जैसे पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान में भी स्थिति गंभीर है। लापता लोगों की संख्या बढ़ रही है, और NDMA ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। जानें इस संकट के बारे में और अधिक जानकारी।
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पाकिस्तान में बाढ़ का कहर: मानसून ने ली 657 जानें, खतरा बढ़ता जा रहा है

पाकिस्तान में बाढ़ की स्थिति

Pakistan Flash Floods: पाकिस्तान में मानसून की बारिश ने तबाही मचाई है। जून के अंत से शुरू हुई बारिश के कारण अब तक 657 लोगों की जान जा चुकी है और 1000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है। NDMA के प्रवक्ता तैयब शाह के अनुसार, 22 अगस्त तक भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा और सितंबर में भी दो से तीन बार जोरदार बारिश की संभावना है। उन्होंने बताया कि इस साल बारिश का स्तर पिछले वर्ष की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक है, जिससे तबाही भी कई गुना बढ़ गई है।


खैबर पख्तूनख्वा में सबसे अधिक मौतें

सबसे ज्यादा मौतें खैबर पख्तूनख्वा में

NDMA की रिपोर्ट के अनुसार, 657 मौतों में 171 बच्चे, 94 महिलाएं और 392 पुरुष शामिल हैं। इनमें से सबसे अधिक मौतें खैबर पख्तूनख्वा (KPK) प्रांत में हुई हैं, जहां 394 लोगों की जान गई है, जिनमें 59 बच्चे और 43 महिलाएं शामिल हैं। खैबर पख्तूनख्वा में मकान गिरने और बादल फटने जैसी घटनाओं ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।


अन्य प्रांतों में भी स्थिति गंभीर

पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान में भी हाहाकार

बारिश के कारण पंजाब में 164 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सिंध में 28 और बलूचिस्तान में 20 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में भी स्थिति बेहद खराब है, जहां अब तक 32 लोगों की मौत हुई है।


लापता लोगों की संख्या बढ़ रही है

लापता लोगों का बढ़ता खतरा

खैबर पख्तूनख्वा के बुनेर और शांगला जिलों में लगभग 150 लोग लापता बताए जा रहे हैं। आशंका है कि इनमें से अधिकांश अब जीवित नहीं हैं। अकेले बुनेर जिले में 84 लोग मारे गए हैं, जिनमें से 21 एक ही परिवार के थे। ये सभी शादी समारोह की तैयारियों में जुटे थे, तभी बादल फटने से उनकी जान चली गई।


NDMA प्रवक्ता का बयान

प्रवक्ता तैयब शाह का बयान

NDMA के प्रवक्ता तैयब शाह ने कहा कि इस वर्ष मानसून की बारिश इतनी अधिक है कि पिछले कई वर्षों की तुलना में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में भी स्थिति बिगड़ सकती है और लोगों को पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए।