पाकिस्तान में बाढ़ पर ख्वाजा आसिफ की विवादास्पद टिप्पणी: क्या है सच?

पाकिस्तान में बाढ़ पर ख्वाजा आसिफ की टिप्पणी
पाकिस्तान बाढ़ संकट: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की हालिया टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। देश इस समय गंभीर बाढ़ और भारी बारिश का सामना कर रहा है, ऐसे में आसिफ ने नागरिकों से कहा कि वे बाढ़ को 'नेमत' यानी ईश्वर की कृपा मानें और इस पानी को टबों और बर्तनों में इकट्ठा करें।
एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि जो लोग बाढ़ का विरोध कर रहे हैं, उन्हें इसे आशीर्वाद समझना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि लोग इस पानी को अपने घरों में ले जाकर इकट्ठा करें, जब तक कि देश में बांध नहीं बनते। उनकी इस टिप्पणी पर सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया है और यह सवाल उठाया है कि क्या यह संवेदनशीलता का सही तरीका है।
छोटे जल भंडारण की आवश्यकता
छोटे जल भंडारण का सुझाव: ख्वाजा आसिफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को बड़े बांधों के बजाय छोटे जल भंडारण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिन्हें जल्दी बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि बड़े बांधों के निर्माण में 10 से 15 साल लगते हैं, इसलिए तत्काल छोटे समाधान खोजने की आवश्यकता है।
Strongly condemn tone deaf comments by Defence Minister Khawaja Asif against the people of Sindh.
— Kumail Soomro (@kumailsoomro) September 1, 2025
"Sindhis were blocking roads for the river. They should consider these floods as a blessing and keep the water in their homes." pic.twitter.com/UkKdBHCeis
बाढ़ का विनाशकारी प्रभाव
बाढ़ का कहर: पाकिस्तान के कई क्षेत्रों में बाढ़ ने भयंकर स्थिति पैदा कर दी है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अब तक 850 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 20 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। सिंध और पंजाब सबसे अधिक प्रभावित प्रांत हैं। आपातकालीन सेवाओं ने अब तक 9 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया है। राहत और बचाव कार्य में ड्रोन और हेलिकॉप्टर का उपयोग किया जा रहा है।
भारत पर आरोप
भारत को जिम्मेदार ठहराया: ख्वाजा आसिफ ने इस प्राकृतिक आपदा के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि भारत ने अपनी ओर से नदी का पानी छोड़ा, जिससे पाकिस्तान के निचले इलाकों में जलस्तर अचानक बढ़ गया।
नदियों का उफान
नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है: मौसम विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान की तीन प्रमुख नदियां रावी, चिनाब और सतलुज एक साथ उफान पर हैं, जिससे कृषि भूमि, गांव और ग्रामीण बस्तियां जलमग्न हो गई हैं। चिनाब नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और इसके मंगलवार तक मुल्तान जिले तक पहुँचने की आशंका जताई गई है। वहीं पंजनद नदी का जलस्तर 5 सितंबर को चरम पर पहुँच सकता है। सतलुज का पानी भी तेजी से सुलेमानकी और हेड इस्लाम बैराज की ओर बढ़ रहा है, जिससे खतरा और भी गहरा गया है।