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पाकिस्तान में बाढ़ से तबाही: 321 लोगों की जान गई

पाकिस्तान में हालिया बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई है, जिसमें 321 लोगों की जान चली गई है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जहां राहत कार्य में बाधाएँ आ रही हैं। स्थानीय निवासी भयानक दृश्यों का सामना कर रहे हैं, और कई लोग अब भी लापता हैं। मौसम विभाग ने अगले दो हफ्तों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
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पाकिस्तान में बाढ़ से तबाही: 321 लोगों की जान गई

पाकिस्तान में बाढ़ का संकट

पाकिस्तान में बाढ़: पाकिस्तान में हो रही लगातार भारी बारिश ने बाढ़ की स्थिति को गंभीर बना दिया है। पिछले 48 घंटों में हुई मूसलधार बारिश और अचानक आई बाढ़ के कारण कम से कम 321 लोगों की जान चली गई है। अधिकारियों के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जहां 307 लोगों की मृत्यु हुई है। नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण तटबंध टूट गए और बाढ़ का पानी गांवों और कस्बों में भर गया।


बचाव कार्य में कठिनाइयाँ

बचाव दल राहत कार्य में जुटे हुए हैं, लेकिन हालात बेहद चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। लगभग 2,000 बचावकर्मी नौ जिलों में राहत कार्य कर रहे हैं, लेकिन टूटी सड़कों और लगातार बारिश के कारण राहत कार्य में बाधाएँ आ रही हैं। खैबर पख्तूनख्वा की रेस्क्यू एजेंसी के प्रवक्ता बिलाल अहमद फैजी ने बताया कि भूस्खलन और टूटी सड़कों के कारण भारी मशीनरी और एम्बुलेंस प्रभावित क्षेत्रों तक नहीं पहुँच पा रही हैं। कई स्थानों पर राहतकर्मी पैदल चलकर फंसे हुए लोगों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं।


बाढ़ का भयावह दृश्य

देखें बाढ़ का भयावह वीडियो




बुनेर जिले में सबसे अधिक नुकसान

बुनेर जिले में सबसे अधिक नुकसान


बुनेर जिले में सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जहां अकेले 184 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा शांगला, मानसेहरा, स्वात, बाजौर और बाटग्राम जिले भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। सरकार ने इन सभी पहाड़ी जिलों को आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया है।


कयामत का मंजर

कयामत का मंजर


घटना के चश्मदीदों ने भयानक दृश्यों को याद करते हुए कहा कि यह मानो कयामत का मंजर था। बुनेर जिले के निवासी अजीजुल्लाह ने बताया कि अचानक पहाड़ खिसकने जैसी आवाज आई। बाहर निकलकर देखा तो पूरा इलाका हिल रहा था, जैसे दुनिया का अंत हो गया हो। जमीन पानी की ताकत से कांप रही थी और ऐसा लगा जैसे मौत सामने खड़ी है।


सामूहिक अंतिम संस्कार

सामूहिक अंतिम संस्कार


बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शुक्रवार को सामूहिक अंतिम संस्कार हुए, जहां दर्जनों शवों को एक साथ दफनाया गया। स्थानीय शिक्षक सैफुल्लाह खान ने बताया कि अब भी यह साफ नहीं है कि हमारे छोटे से गांव में कौन जिंदा है और कौन नहीं। मैं अपने पढ़ाए हुए बच्चों की लाशें निकाल रहा हूं। समझ नहीं आता कि प्रकृति ने इन मासूमों पर यह कैसी परीक्षा थोपी है।


हालात गंभीर होने की आशंका

हालात गंभीर होने की आशंका


अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि कई लोग अब भी लापता हैं। मौसम विभाग ने अगले दो हफ्तों तक और तेज बारिश की आशंका जताई है, जिससे हालात और गंभीर हो सकते हैं।