पाकिस्तान में भारी बारिश से आई बाढ़ ने मचाई तबाही, 214 लोगों की मौत

पाकिस्तान और पीओके में बाढ़ का कहर
पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में पिछले 36 घंटों में हुई मूसलधार बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने व्यापक तबाही फैला दी है। अधिकारियों के अनुसार, इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम 214 लोगों की जान चली गई है और कई अन्य घायल हुए हैं। खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) क्षेत्र के बुनर जिले में सबसे अधिक 92 मौतें हुई हैं, जो इस बाढ़ की गंभीरता को दर्शाती हैं। मंसहारा, बजौर, बटग्राम, लोअर दिर और शांगला जैसे अन्य जिले भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।खैबर पख्तूनख्वा में सबसे अधिक नुकसान: 198 मौतें, कई लापता
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मूसलधार बारिश के कारण कई जिलों में चानक आई बाढ़ आई है। प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कम से कम 198 लोग, जिनमें 14 महिलाएं और 12 बच्चे शामिल हैं, अपनी जान गंवा चुके हैं। कई लोग अभी भी लापता हैं। पीडीएमए के प्रवक्ता ने चेतावनी दी है कि लापता लोगों की संख्या को देखते हुए मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। यह स्थिति पाकिस्तान में बाढ़ के गंभीर प्रभाव को उजागर करती है।
राहत कार्य और सरकारी प्रतिक्रिया: उम्मीदों के बीच दुर्घटना
मुख्यमंत्री अमीन अली गंडापुर के निर्देशानुसार, प्रभावित जिलों के लिए प्रांतीय सरकार ने 50 करोड़ पाकिस्तानी रुपये जारी किए हैं। राहत कार्यों के लिए दो सरकारी हेलीकॉप्टर तैनात किए गए थे, लेकिन दुर्भाग्यवश, मोहम्मद जिला में खराब मौसम के कारण एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में दो चालक दल के सदस्य और तीन राहत कार्यकर्ता मारे गए, जिससे राहत प्रयासों को एक बड़ा झटका लगा।
प्रांतीय अस्पतालों को फ्लड कंट्रोल रूम स्थापित करने का आदेश दिया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्याप्त दवाएं और चिकित्सा उपकरण उपलब्ध रहें।
गिलगित-बाल्टिस्तान में भारी तबाही: सड़कें अवरुद्ध, पर्यटक फंसे
गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में भी बाढ़ का कहर देखने को मिला। घिजर जिले में अचानक आई बाढ़ के बाद आठ लोगों की मौत हो गई और दो लापता हो गए। बाढ़ ने कई घरों, वाहनों, स्कूलों और स्वास्थ्य इकाइयों को क्षतिग्रस्त कर दिया है, साथ ही प्रमुख सड़कों को भी अवरुद्ध कर दिया है।
नीलम घाटी में भी बड़े पैमाने पर व्यवधान उत्पन्न हुआ है। रत्ती गली झील के पास 600 से अधिक पर्यटकों को सड़क संपर्क टूटने के कारण वहीं रहने की सलाह दी गई है।
जेहलम घाटी में, पहलोत के ऊपर बादल फटने से आई चानक आई बाढ़ ने दर्जनों वाहनों को फंसा दिया। अधिकारियों ने बढ़ती नीलम नदी के लिए बाढ़ चेतावनी जारी की है और नदी किनारे रहने वाले परिवारों को स्थानांतरित करने की योजना बना रहे हैं।
पीओके के जिलों में भी मौतें: भूस्खलन और घर ढहने से क्षति
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के विभिन्न जिलों में भी जानमाल का नुकसान हुआ है। मुजफ्फराबाद जिले में, एक बड़े भूस्खलन ने एक घर को मलबे में दबा दिया, जिससे एक ही परिवार के छह सदस्यों के मारे जाने की आशंका है। सुध्नौती में, एक 26 वर्षीय व्यक्ति धारा में बह गया, जबकि बाग जिले में, एक 57 वर्षीय महिला की घर ढहने से मौत हो गई। यह प्राकृतिक आपदा पाकिस्तान और पीओके में व्यापक विनाश का कारण बनी है।