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पाकिस्तान में महंगाई और आतंकवाद के चलते 14 लाख शिक्षित लोगों का पलायन

पाकिस्तान में आर्थिक संकट और आतंकवाद के चलते पिछले दो वर्षों में 14 लाख शिक्षित लोगों ने देश छोड़ दिया है। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टरों, इंजीनियरों और अकाउंटेंट्स का पलायन बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह स्थिति बनी रही, तो देश में स्किल वर्कर्स की भारी कमी हो जाएगी। राजनीतिक अस्थिरता और महंगाई ने लोगों का विश्वास तोड़ दिया है, जिससे युवा विदेश जाने को मजबूर हो रहे हैं। जानें इस संकट के पीछे के कारण और भविष्य की संभावनाएँ।
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पाकिस्तान में महंगाई और आतंकवाद के चलते 14 लाख शिक्षित लोगों का पलायन

आर्थिक संकट और बेरोजगारी से परेशान नागरिक


पाकिस्तान वर्तमान में अपने सबसे बड़े ब्रेन ड्रेन का सामना कर रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो वर्षों में 5,000 डॉक्टर, 11,000 इंजीनियर और 13,000 अकाउंटेंट देश छोड़ चुके हैं। आर्थिक संकट और बेरोजगारी के कारण लोग सरकार से सवाल कर रहे हैं।


इसके अलावा, सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसीम मुनीर की भी आलोचना हो रही है। महंगाई, आतंकवाद, कमजोर अर्थव्यवस्था और राजनीतिक अस्थिरता इसके प्रमुख कारण हैं। नर्सिंग क्षेत्र पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है, जहां हर साल हजारों नर्स विदेश में नौकरी की तलाश में हैं।


नवंबर 2025 तक 6.87 लाख लोगों का पलायन

ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन एंड ओवरसीज एम्प्लॉयमेंट के अनुसार, 2024 में लगभग 7.27 लाख पाकिस्तानियों ने विदेश में काम करने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। वहीं, नवंबर 2025 तक लगभग 6.87 लाख लोग देश छोड़ चुके थे। पिछले दो वर्षों में कुल मिलाकर 14 लाख से अधिक पाकिस्तानी विदेश जा चुके हैं।


विशेषज्ञों की चेतावनी: स्किल वर्कर्स की कमी

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि यह स्थिति बनी रही, तो पाकिस्तान को भविष्य में स्किल वर्कर्स की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा। अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी होगी, इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षेत्रों में विकास धीमा हो जाएगा, और नई पीढ़ी के लिए अवसर और भी कम हो जाएंगे।


उनका कहना है कि सरकार को तुरंत आर्थिक सुधार, रोजगार, शिक्षा और रिसर्च में निवेश और राजनीतिक स्थिरता पर ध्यान देना होगा, अन्यथा देश का भविष्य लगातार बाहर जा रहा है।


राजनीतिक अस्थिरता का प्रभाव

विशेषज्ञों का कहना है कि देश में महंगाई बढ़ रही है, नौकरियों की कमी है, और जो नौकरियां हैं, उनमें वेतन बहुत कम है। इसके साथ ही राजनीतिक उथल-पुथल और कमजोर प्रशासन ने लोगों का विश्वास तोड़ दिया है।


तकनीकी क्षेत्र में करियर के अवसर सीमित हैं और रिसर्च के लिए आवश्यक धन की कमी है। ऐसे में युवा और कुशल लोग विदेश जाने को बेहतर समझ रहे हैं।


2024 में इंटरनेट बंद होने से आर्थिक नुकसान

डिजिटल समस्याएं भी इस संकट को और बढ़ा रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में इंटरनेट बंद रहने से पाकिस्तान को आर्थिक नुकसान हुआ।


इससे देश को लगभग 1.62 अरब डॉलर (15 हजार करोड़) का नुकसान हुआ। इंटरनेट की बार-बार बंदी और धीमी सेवा के कारण फ्रीलांसरों और ऑनलाइन काम करने वालों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा।