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पाकिस्तान में मेजर मुइज़ की हत्या से मचा हंगामा

पाकिस्तान में एक वरिष्ठ अधिकारी मेजर मुइज़ की हत्या ने देश में हंगामा मचा दिया है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकवादियों द्वारा की गई इस हत्या ने पाक सेना को बड़ा झटका दिया है। मेजर मुइज़ की मौत के बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दुख व्यक्त किया है। जानें इस घटना के पीछे की कहानी और पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों की बढ़ती संख्या के बारे में।
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पाकिस्तान में मेजर मुइज़ की हत्या से मचा हंगामा

पाकिस्तान में हंगामा

पाकिस्तान: एक वरिष्ठ अधिकारी की हत्या ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। स्पेशल सर्विस ग्रुप के मेजर मुइज़ को दक्षिणी वज़ीरिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकवादियों ने मार डाला। यह घटना पाक सेना के लिए एक गंभीर झटका मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, मेजर मुइज़ 6वीं कमांडो बटालियन में तैनात थे।


मौत का कारण

कैसे हुई मौत?

जानकारी के अनुसार, सरगोगा के निकट आतंकवादियों ने मुइज़ पर घात लगाकर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप उनकी मृत्यु हो गई। इस हमले में पाकिस्तानी सेना के लांस नायक जिब्रानउल्लाह की भी हत्या कर दी गई। मेजर मुइज़ 2019 में भारत के खिलाफ एक ऑपरेशन के दौरान चर्चा में आए थे, जब उन्होंने भारत के विंग कमांडर अभिनंदन को पकड़ने का दावा किया था।


मुइज़ का परिचय

चकवाल के निवासी

मेजर मुइज़ पाकिस्तान के चकवाल के निवासी थे। दोनों अधिकारी विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर ऑपरेशन के लिए सरगोगा पहुंचे थे। जैसे ही वे वहां पहुंचे, टीटीपी के आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया। पाकिस्तानी सेना का कहना है कि हाल के दिनों में इस क्षेत्र में एक ऑपरेशन में 11 आतंकियों को मार गिराया गया है।


सरकारी प्रतिक्रिया

शाहबाज शरीफ का दुख

मेजर मुइज़ की हत्या ने पाकिस्तानी सेना को बड़ा झटका दिया है। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुइज़ के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं।


सैनिकों की हताहति

1200 से अधिक सैनिकों की मौत

साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल के अनुसार, 2024 और 2025 में पाकिस्तान में 1200 से अधिक सैनिक आतंकवादी हमलों में मारे गए हैं। 2024 में 754 सैनिकों की मौत हुई थी, जबकि 2025 में अब तक यह आंकड़ा 500 है। 2024 में आतंकवादी हमलों की 790 घटनाएं हुईं, जबकि 2025 में अब तक 459 घटनाएं दर्ज की गई हैं। पाकिस्तान के बीएलए, बीटीपी और टीटीपी जैसे संगठनों ने सेना के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।