Newzfatafatlogo

पाकिस्तान में राजनीतिक हलचल: शहबाज शरीफ ने अफवाहों का किया खंडन

पाकिस्तान में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम के बीच, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को हटाने और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर को राष्ट्रपति बनाने की अफवाहों का खंडन किया है। उन्होंने इन दावों को निराधार बताते हुए कहा कि मुनीर ने कभी राष्ट्रपति बनने की इच्छा नहीं जताई। गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने भी इस संदर्भ में बयान दिया है, जिसमें उन्होंने सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे दुर्भावनापूर्ण अभियानों की निंदा की। जानें इस राजनीतिक हलचल के पीछे की सच्चाई।
 | 
पाकिस्तान में राजनीतिक हलचल: शहबाज शरीफ ने अफवाहों का किया खंडन

पाकिस्तान की राजनीति में उथल-पुथल

हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति में तेजी से बदलाव देखने को मिला है। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को हटाने और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर को राष्ट्रपति बनाने की अटकलें तेज हो गई थीं। इन अटकलों को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने इन दावों को “बिल्कुल निराधार और अफवाहें” बताते हुए सिरे से नकार दिया।


शहबाज शरीफ का स्पष्ट बयान

पाकिस्तान के एक प्रमुख अंग्रेजी समाचार पत्र से बातचीत में शरीफ ने कहा, “फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने कभी राष्ट्रपति बनने की इच्छा नहीं जताई है और न ही ऐसी कोई योजना है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनके, राष्ट्रपति जरदारी और सेना प्रमुख मुनीर के बीच आपसी सम्मान और पाकिस्तान की प्रगति के लिए साझा लक्ष्य पर आधारित मजबूत संबंध हैं। शरीफ ने इन अफवाहों को देश में अस्थिरता फैलाने की साजिश का हिस्सा बताया।


गृह मंत्री नकवी की कड़ी प्रतिक्रिया

यह बयान गृह मंत्री मोहसिन नकवी के एक दिन पहले दिए गए बयान के बाद आया, जिसमें उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जरदारी, शरीफ और मुनीर के खिलाफ चलाए जा रहे “दुर्भावनापूर्ण अभियान” की कड़ी निंदा की। नकवी ने कहा, “इस अभियान के पीछे कौन है, यह सभी जानते हैं। न तो राष्ट्रपति को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है और न ही सेना प्रमुख ने राष्ट्रपति बनने की इच्छा जताई है।” उन्होंने विदेशी शत्रुतापूर्ण ताकतों की संलिप्तता पर सवाल उठाते हुए कहा, “जो लोग इस साजिश का हिस्सा हैं, वे चाहे जो करें, हमारी प्रतिबद्धता पाकिस्तान को मजबूत और स्थिर बनाने की है। इंशाअल्लाह, हम हर जरूरी कदम उठाएंगे।”


फील्ड मार्शल असीम मुनीर को 2022 में तीन साल के लिए सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था, लेकिन सरकार ने उनके कार्यकाल को बढ़ाकर पांच साल कर दिया। सूत्रों के अनुसार, भविष्य में इसे और बढ़ाने की संभावना है। यह निर्णय उनकी सैन्य और रणनीतिक क्षमताओं पर सरकार के भरोसे को दर्शाता है।


जरदारी और भुट्टो परिवार का प्रभाव

पिछले साल के चुनावों में जरदारी ने शहबाज शरीफ का समर्थन किया था, जिसके बदले उन्हें पांच साल के लिए राष्ट्रपति बनाया गया। इसके अलावा, पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो के साथ सत्तारूढ़ दल के रिश्ते भी मजबूत हैं। हाल ही में बिलावल को एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सौंपा गया, जो भारत-पाक संबंधों की बदलती गतिशीलता को वैश्विक मंच पर साझा करने के लिए विभिन्न देशों का दौरा कर रहा है। यह भुट्टो परिवार के राजनीतिक प्रभाव को दर्शाता है।