Newzfatafatlogo

पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा का नया मुख्यालय निर्माण तेजी से जारी

भारतीय वायुसेना के ऑपरेशन सिंदूर के तहत लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय नष्ट होने के बाद, पाकिस्तान में इसका पुनर्निर्माण तेजी से हो रहा है। नए परिसर का उद्घाटन 5 फरवरी 2026 को कश्मीर एकजुटता दिवस पर होने की संभावना है। इस निर्माण में पाकिस्तान सरकार की भी सहभागिता है, जो आतंकवाद के खिलाफ दिखावटी लड़ाई के साथ-साथ आतंक संगठनों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की सच्चाई।
 | 

भारतीय वायुसेना का ऑपरेशन सिंदूर

भारतीय वायुसेना ने 7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकवाद के केंद्र पर एक महत्वपूर्ण हमला किया। इस कार्रवाई में मिराज लड़ाकू विमानों ने लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय, मरकज तैयबा, जो पंजाब के मुरीदके में स्थित था, को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। यह स्थान आतंकियों के प्रशिक्षण और हथियारों के भंडारण के लिए जाना जाता था। अब, इस ढहाए गए ढांचे का पुनर्निर्माण तेजी से हो रहा है।


भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार, मरकज तैयबा का पुनर्निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। पिछले महीने कई भारी मशीनें मुरीदके भेजी गईं। 4 सितंबर को उम्म उल कुरआ नामक पीली इमारत को गिराया गया और तीन दिन बाद एक लाल इमारत भी ढहा दी गई। इसका उद्देश्य आतंकियों के लिए एक नया आधुनिक परिसर तैयार करना है।


नए मुख्यालय का उद्घाटन

सूत्रों के अनुसार, 5 फरवरी 2026 को कश्मीर एकजुटता दिवस के अवसर पर इस नए परिसर का उद्घाटन किया जा सकता है। निर्माण कार्य को इस तारीख से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे आतंकियों की ब्रेनवॉशिंग, प्रशिक्षण और योजना बनाने का कार्य फिर से शुरू हो सके।


निर्माण में शामिल लोग

मरकज तैयबा के निदेशक मौलाना अबू जार को इस परियोजना की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि उस्ताद उल मुजाहिद्दीन भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। संचालन की निगरानी युनूस बुखारी कर रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इस निर्माण कार्य में पाकिस्तान सरकार की भी सहभागिता सामने आ रही है।


आर्थिक सहायता और फंडिंग

अगस्त में, पाकिस्तानी सरकार ने लश्कर-ए-तैयबा को 4 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की। बताया जा रहा है कि मरकज तैयबा के नए परिसर के निर्माण के लिए लगभग 15 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। यह पाकिस्तान के दोहरे चरित्र को उजागर करता है, जहां एक ओर आतंकवाद के खिलाफ दिखावटी लड़ाई चल रही है, वहीं दूसरी ओर आतंक संगठनों को आर्थिक सहायता दी जा रही है।


इस समय पाकिस्तान में कई क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित हैं। ऐसे में लश्कर-ए-तैयबा लोगों की मदद के नाम पर बड़े पैमाने पर धन जुटा रहा है, लेकिन यह राहत सामग्री पीड़ितों तक नहीं पहुंच रही है। खुफिया जानकारी से पता चलता है कि अधिकांश फंड सीधे मुरीदके में मरकज के निर्माण में उपयोग किया जा रहा है।