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पाकिस्तान में सेना मुख्यालय के पास धमाका, 10 से अधिक की मौत

पाकिस्तान के क्वेटा शहर में सेना के मुख्यालय के पास एक भीषण धमाका हुआ है, जिसमें 10 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और 32 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि आसपास की इमारतों को भी नुकसान पहुँचा। वहीं, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। जानें इस घटना के बारे में और क्या जानकारी मिली है।
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पाकिस्तान में सेना मुख्यालय के पास धमाका, 10 से अधिक की मौत

क्वेटा में भीषण विस्फोट

पाकिस्तान से आई हालिया तस्वीरें बेहद चिंताजनक हैं। क्वेटा शहर में सेना के मुख्यालय के निकट एक गंभीर धमाका हुआ है। पूर्वी क्वेटा में फ्रंटियर कॉप्स मुख्यालय के पास जोरदार विस्फोट के बाद ताबड़तोड़ गोलीबारी की आवाजें भी सुनाई दीं। इस विस्फोट की गूंज मॉडल टाउन और उसके आसपास के क्षेत्रों में भी सुनाई दी, जो कि संवेदनशील माने जाते हैं। विस्फोट ने आसपास के घरों और इमारतों को भी नुकसान पहुँचाया है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, मृतकों की संख्या 10 से अधिक हो गई है, जबकि 32 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। यह संख्या और भी बढ़ सकती है.


विस्फोट की तीव्रता

पुलिस के अनुसार, ज़रघून रोड पर हुआ यह विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि आसपास की इमारतों की खिड़कियाँ और दरवाज़े टूट गए। पुलिस और बचाव दल तुरंत घटनास्थल पर पहुँच गए हैं। सुरक्षा बलों ने क्षेत्र को घेर लिया है और फ्रंटियर कॉर्प्स के जवान भी मौके पर मौजूद हैं। बलूचिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री बख्त मुहम्मद काकर ने सभी अस्पतालों में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है और चिकित्सकों, नर्सों, और पैरामेडिकल स्टाफ को तुरंत ड्यूटी पर आने का निर्देश दिया है। प्रशासन ने विस्फोट के कारणों की जांच शुरू कर दी है। घटनास्थल से प्राप्त फुटेज में धुएँ का विशाल गुबार दिखाई दे रहा है.


पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में विरोध प्रदर्शन

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद में सोमवार को पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसक झड़पें हुईं। इस दौरान दो लोगों की मौत हो गई और 22 से अधिक लोग घायल हुए। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पाक सेना और ISIS समर्थित मुस्लिम कॉन्फ्रेंस से जुड़े हथियारबंद लोग प्रदर्शनकारियों पर गोलियाँ चलाते हुए देखे गए। इलाके में ट्रांसपोर्ट और बाजार बंद कर दिए गए हैं, और इंटरनेट सेवा भी ठप है। ये प्रदर्शन बुनियादी अधिकारों की मांग को लेकर हो रहे हैं। आवामी ऐक्शन कमिटी के नेतृत्व में पीओके में चल रहे इन प्रदर्शनों में प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि उन्हें दशकों से राजनीतिक उपेक्षा और मानवाधिकार उल्लंघन का सामना करना पड़ रहा है। अतिरिक्त सैनिक पंजाब और इस्लामाबाद से पीओके भेजे गए हैं.