पाकिस्तान सेना प्रमुख का विवादास्पद बयान: कश्मीर को बताया 'वैध संघर्ष'

पाकिस्तान के सेना प्रमुख का बयान
पाकिस्तान के सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल असीम मुनीर, ने जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी समूहों के समर्थन में कहा है कि भारत द्वारा आतंकवाद के रूप में वर्णित गतिविधियाँ वास्तव में एक "वैध संघर्ष" हैं। यह बयान उन्होंने कराची में पाकिस्तान नेवल अकादमी की पासिंग आउट परेड के दौरान दिया। मुनीर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान कश्मीरी लोगों को राजनीतिक, कूटनीतिक और नैतिक समर्थन प्रदान करता रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में किसी भी उकसावे की जिम्मेदारी भारत की होगी।
कश्मीर को 'पाकिस्तान की जुगुलर वेन' कहा
मुनीर ने पहले 16 अप्रैल को इस्लामाबाद में एक सम्मेलन में कश्मीर को पाकिस्तान की "जुगुलर वेन" बताया था। यह बयान पहलगाम में हुए आतंकी हमले से कुछ दिन पहले दिया गया था, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी। उन्होंने कहा, "जो लोग कश्मीरी लोगों की इच्छाओं को दबाने का प्रयास करते हैं, उन्होंने अपने कार्यों से इसे और प्रासंगिक बना दिया है।" उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करने की बात भी दोहराई।
भारत पर उकसावे का आरोप
मुनीर ने यह भी आरोप लगाया कि भारत ने हाल के वर्षों में "आतंकवाद विरोध" के नाम पर पाकिस्तान के खिलाफ "अनुचित आक्रामकता" दिखाई है। उन्होंने 2019 के पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद भारत द्वारा की गई हवाई कार्रवाई और मई 2024 में हुए चार दिवसीय सैन्य संघर्ष का उल्लेख किया। इस दौरान दोनों देशों ने ड्रोन, मिसाइल और लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग किया। मुनीर ने कहा, "पाकिस्तान ने गंभीर उकसावे के बावजूद संयम और परिपक्वता दिखाई है, जिसने क्षेत्रीय स्थिरता में पाकिस्तान की भूमिका को मजबूत किया है।"
भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार
मुनीर के हालिया बयानों पर भारत की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय ने उनके पिछले बयानों को खारिज किया था। मुनीर ने कश्मीर मुद्दे के "न्यायपूर्ण और शांतिपूर्ण समाधान" के बिना दक्षिण एशिया में स्थायी शांति की संभावना को नकारते हुए कहा, "पाकिस्तान हमेशा कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करेगा।"
ऑपरेशन सिंदूर और सैन्य तनाव
7 मई को भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान नियंत्रित क्षेत्रों में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इसके बाद चार दिनों तक दोनों देशों के बीच तीव्र सैन्य झड़पें हुईं, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति के साथ समाप्त हुईं। मुनीर ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन करने की किसी भी कोशिश का "तेज और उचित जवाब" दिया जाएगा।