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पानीपत की मां ने न्याय के लिए लड़ी कानूनी लड़ाई, पति को मिली 7 साल की सजा

पानीपत की एक मां ने अपनी नाबालिग बेटी को न्याय दिलाने के लिए 28 महीने तक कानूनी लड़ाई लड़ी, जिसके परिणामस्वरूप उसके पति को 7 साल की सजा मिली। हालांकि, जब उसने ससुराल में रहने की जगह मांगी, तो उसे ताना मारा गया और घर से निकाल दिया गया। महिला अब अपने तीन बच्चों के साथ सुरक्षित भविष्य की तलाश में संघर्ष कर रही है। इस कहानी में एक और महिला की भी चर्चा है, जिसने अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले लिव-इन पार्टनर को 30 साल की सजा दिलाई।
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पानीपत की मां ने न्याय के लिए लड़ी कानूनी लड़ाई, पति को मिली 7 साल की सजा

पानीपत की मां की संघर्ष की कहानी

पानीपत समाचार : पानीपत की एक मां ने अपनी नाबालिग बेटी को न्याय दिलाने के लिए 28 महीने तक अपने पति के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी, जिसके परिणामस्वरूप उसे 7 साल की सजा सुनाई गई। हालाँकि, जब उसने ससुराल में रहने की जगह मांगी, तो ससुराल वालों ने उसे ताना मारते हुए कहा, 'तूने पति को जेल भेज दिया, अब हमारी बारी क्या?' उन्होंने उसे घर में रखने से मना कर दिया और कहा कि वह भी उन्हें सजा दिला सकती है। महिला ने बताया कि उसके पति को उसके गलत कार्यों की सजा मिली है, और अब वह अपने तीन बच्चों के साथ ससुराल में जगह पाने के लिए संघर्ष कर रही है। इसके लिए उसने जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता को शिकायत दी है।


ससुराल में प्रताड़ना का सामना

महिला ने कहा कि जब उसने पति के खिलाफ थाने में शिकायत की, तो ससुराल वालों ने उसे और अधिक परेशान करना शुरू कर दिया। उसके चरित्र पर सवाल उठाए गए और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि वह एक बार आत्महत्या करने के इरादे से रेलवे ट्रैक पर चली गई थी, लेकिन एक युवक ने उसे बचा लिया और समझाया। इसके बाद, उसने हिम्मत जुटाकर कोर्ट में पति के खिलाफ गवाही दी। 20 अगस्त को अदालत ने पति को 7 साल की सजा और 25,000 रुपये का जुर्माना सुनाया। लेकिन इसके बाद ससुराल वालों ने उसे घर से निकाल दिया, और अब वह किराए के मकान में रह रही है।


दूसरी महिला की भी न्याय की कहानी

इसी क्षेत्र की एक अन्य महिला ने अपनी 14 साल की नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले लिव-इन पार्टनर को 30 साल की सजा दिलाई। महिला ने बताया कि 12 साल पहले उसने अपने पहले पति को छोड़कर लिव-इन में रहना शुरू किया था। अप्रैल 2023 में, उसका पार्टनर उसकी बेटी को दिल्ली ले गया और वहां दुष्कर्म किया। बाद में, उसने बेटी को अपनी बहन के घर छोड़कर वापस आ गया। चार महीने बाद, उसने फिर से अपराध किया। महिला ने हिम्मत दिखाते हुए पुलिस में शिकायत की, और 17 मई 2024 को उसे सजा सुनाई गई।


प्रशासन की कार्रवाई

महिला संरक्षण अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि महिला ने ससुराल में आशियाना दिलाने की शिकायत दी है। ससुराल पक्ष को कार्यालय बुलाया गया, लेकिन उन्होंने घर देने से इनकार कर दिया। अब इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है। महिला अपने बच्चों के साथ सुरक्षित भविष्य की उम्मीद में संघर्ष कर रही है।