पानीपत में कालीसिंह बाबा मंदिर पर चढ़ावे को लेकर विवाद, पुलिस ने निभाई मध्यस्थता की भूमिका
पानीपत के जलालपुर गांव में कालीसिंह बाबा मंदिर पर चढ़ावे को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद उत्पन्न हुआ। विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। एक पक्ष का दावा है कि मंदिर की संपत्ति उनके पूर्वजों की है, जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि वे लंबे समय से मंदिर की देखरेख कर रहे हैं। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए चढ़ावे को एकत्रित किया और दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया। इस विवाद की पृष्ठभूमि और आगे की कार्रवाई के बारे में जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
| Nov 23, 2025, 20:31 IST
पुलिस बल की तैनाती
- पुलिस बल रहा तैनात
पानीपत : जलालपुर प्रथम गांव में कालीसिंह बाबा मंदिर में चढ़ावे को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया। यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों में हाथापाई भी हुई। पुलिस को इसकी सूचना दी गई, जिसके बाद सनौली खुर्द थाना प्रभारी वेदपाल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन विवाद बढ़ता गया। दोनों पक्ष चढ़ावे को लेकर अड़े रहे, जिसके कारण पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें मंदिर से दूर कर दिया।
मंदिर की संपत्ति पर दावे
इस दौरान, एक पुलिसकर्मी ने पुजारी की भूमिका निभाते हुए चढ़ावे को एकत्रित किया ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। एक पक्ष का कहना है कि कालीसिंह बाबा मंदिर पर कालीसिंह बाबा चैरिटेबल ट्रस्ट का अधिकार है और यह स्थान उनके पूर्वजों की संपत्ति है। ट्रस्ट मंदिर में पूजा-पाठ और देखरेख का कार्य कर रहा है। चढ़ावे को गौशाला में दिया गया है, और ट्रस्ट भी इसे गायों के लिए उपयोग करता है। रविवार को कुछ लोगों ने जबरदस्ती मंदिर में प्रवेश कर कब्जा करने का प्रयास किया और मारपीट की, जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस में की है।
दूसरे पक्ष का दावा
गिरदावरी उनके पूर्वजों के नाम से चली आ रही
दूसरे पक्ष का कहना है कि उनके पूर्वज कई वर्षों से मंदिर की देखरेख कर रहे हैं और चढ़ावे को भी उठाते हैं। उनका दावा है कि जिस स्थान पर मंदिर है, उसकी गिरदावरी उनके पूर्वजों के नाम से है। उन्होंने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
पटवारी की रिपोर्ट
मंदिर की जगह अपनी जमीन में होने का दावा
गांव के पटवारी दिनेश कुमार ने बताया कि वह प्रशासनिक अधिकारियों के बुलावे पर मौके पर गए थे। रिकॉर्ड के अनुसार, जिस स्थान पर मंदिर है, उसकी गिरदावरी उन लोगों के पूर्वजों के नाम से है जो चढ़ावे उठाते हैं। जबकि जमीन की मलकियत दूसरे पक्ष के नाम है।
विवाद की पृष्ठभूमि
विवाद लंबे समय से चल रहा
सनौली खुर्द थाना प्रभारी वेदपाल ने कहा कि यह विवाद लंबे समय से चल रहा है। मंदिर में कई बार ट्रस्ट बनाई गई है। अब दो पक्षों में विवाद है। चढ़ावे को ग्राम पंचायत को सौंप दिया गया है। उन्होंने गांव में शांति बनाए रखने की अपील की है।
आगामी कार्रवाई
आदेशानुसार उक्त राशि को लेकर आगामी कार्यवाही की जाएगी
सरपंच पुष्पा रावल के पति शिवकुमार रावल ने कहा कि मंदिर में आने वाले चढ़ावे की खाद्य सामग्री गौशाला में दे दी गई है ताकि वह खराब न हो। नगद राशि पंचायत के पास है और प्रशासनिक अधिकारियों के आदेशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
