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पानीपत में मासूम विधि की हत्या: चाची ने किया अपराध, पुलिस ने 36 घंटे में किया खुलासा

पानीपत के नौल्था गांव में मासूम बच्ची विधि की हत्या के मामले में पुलिस ने 36 घंटे के भीतर आरोपी चाची पूनम को गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभ में गुमशुदगी का मामला प्रतीत होने के बाद, जब बच्ची का शव घर में मिला, तो पुलिस ने हत्या की आशंका जताई। जांच में पूनम के बयानों में विरोधाभास और फोरेंसिक साक्ष्य ने पुलिस को सही दिशा में आगे बढ़ाया। जानें इस मामले की पूरी कहानी और आगे की कार्रवाई के बारे में।
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पानीपत में मासूम विधि की हत्या: चाची ने किया अपराध, पुलिस ने 36 घंटे में किया खुलासा

पुलिस ने 36 घंटे में किया खुलासा

हरियाणा के पानीपत जिले के नौल्था गांव में एक मासूम बच्ची विधि की हत्या के मामले में पुलिस ने 36 घंटे के भीतर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि बच्ची की हत्या उसकी चाची पूनम ने की, जिससे गांव और परिवार में शोक का माहौल है।


संदिग्ध महिला की गिरफ्तारी कैसे हुई

शुरुआत में यह मामला गुमशुदगी का प्रतीत हो रहा था, लेकिन जब बच्ची का शव घर के स्टोर रूम में एक टब में मिला, तो पुलिस को हत्या की आशंका हुई। घटनास्थल पर अधिकारियों ने देखा कि घर में मौजूद महिलाओं के बयानों में विरोधाभास था, और पूनम के कपड़े भी गीले मिले, जिससे पुलिस का संदेह और बढ़ गया।


शादी की वीडियो बनी महत्वपूर्ण सबूत

1 दिसंबर को घर में एक विवाह समारोह था, जिसमें महिलाएं बारात की विदाई तक मौजूद थीं। पुलिस ने समारोह की वीडियो फुटेज की जांच की, जिसमें पूनम नहीं दिखाई दी। अन्य महिलाएं कह रही थीं कि वह लौटते ही घर में थी, लेकिन यह समय की विसंगति पुलिस के लिए निर्णायक साबित हुई।


आरोपी के बयान में बदलाव

जब पुलिस ने पूनम से अलग-अलग पूछताछ की, तो उसने पहले कहा कि उसने विधि को नहीं देखा। कुछ समय बाद उसने दावा किया कि बच्ची को ऊपर जाते देखा था। उसके बयान में बदलाव और गीले कपड़ों ने पुलिस का शक पुख्ता कर दिया। कड़ी पूछताछ के बाद उसने अपराध स्वीकार कर लिया।


फोरेंसिक साक्ष्य ने बढ़ाई जांच की गहराई

पुलिस ने पूनम पर कार्रवाई केवल बयान के आधार पर नहीं की। घर के टब से पानी के नमूने, उसके कपड़ों और नाखूनों के नमूने लैब में भेजे गए हैं ताकि वैज्ञानिक तरीके से अपराध साबित किया जा सके। एक फोरेंसिक विशेषज्ञ ने कहा कि नाखूनों में मिले रेशे और टब के पानी का परीक्षण इस केस के लिए महत्वपूर्ण हैं।


घटना का महत्व

यह मामला दर्शाता है कि हत्या जैसे अपराधों में परिवार के भीतर अपराधी होने की संभावना को गंभीरता से लेना चाहिए। पुलिस ने तकनीकी और मनोवैज्ञानिक जांच के माध्यम से रिकॉर्ड समय में सत्य को उजागर किया।


आगे की कार्रवाई

आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है। फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद पुलिस आरोप पत्र दायर करेगी और अदालत में मामले की सुनवाई शुरू होगी। जांच एजेंसियां महिला की स्वीकारोक्तियों के आधार पर पुरानी घटनाओं की भी जांच करने की योजना बना रही हैं।